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यूपी में जब से योगी सरकार आई है, बीजेपी सूबे में रामराज्य लाने का दावा कर रही हैं। कुछ कार्यकर्ता तो राम के मर्यादित जीवन की मर्यादा वाले शब्द का ऐसा पालन कर रहे हैं कि काम के सिलसिले में क्या घर, क्या दफ्तर और क्या बेडरूम... घुसे चले जा रहे हैं। बेडरूम चाहे महिला अधिकारी का ही क्यों न हो! अरे भई, यह बात हम नहीं कह रहे हैं... मंत्री जी कह रहे हैं।
मंत्री जी के मुताबिक बीजेपी कार्यकर्ता उत्साह में हैं और वे अमर्यादित काम नहीं करते हैं।
लेकिन बुंदेलखंड में पूरी सीटें जीतने वाली बीजेपी के कुछ कार्यकर्ताओं का उत्साह का पारा मर्यादा के थर्मामीटर को फोड़कर बाहर निकल गया। वे महिला अधिकारी के बेडरूम में घुस गए।
कार्यकर्ताओं की इस हरकत से महिला अधिकारी परेशान हुईं और योगी सरकार के ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह से अपनी आपबीती सुनाई। मंत्री जी बोले... मैडम, कार्यकर्ता उत्साह में हैं। बीजेपी कार्यकर्ता किसी के साथ अभद्रता... न भाई न, हो ही नहीं सकता।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपी के महोबा में महिला बीडीओ महिमा विद्यार्थी ने भाजपा के एक कार्यकर्ता पर बदसलूकी करने और बेडरूम में घुसने का आरोप लगाया है। महिला अधिकारी जिले के जैतपुर ब्लॉक में काम करती हैं। उनका आरोप है कि इलाके के रसूखदार और बीजेपी के सेक्टर प्रभारी असमेन्द्र द्विवेदी नाम के कार्यकर्ता ने दफ्तर से उनके घर तक उनका पीछा किया और कुछ कार्यकर्ताओं के साथ जबरन उनके बेडरूम में आ धमका।
महिला अधिकारी का आरोप है कि इस हरकत का विरोध करने पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनके साथ बदसलूकी की। महिला अधिकारी ने यह भी बताया कि वह अविवाहित हैं और बीजेपी कार्यकर्ताओं की हरकतों से डरी हुई हैं। कई दफा बीजेपी कार्यकर्ता उनके घर सामने आकर खड़े हो जाते हैं और काम कराने के नाम पर उनसे बदसलूकी करते हैं।
महिला अधिकारी की शिकायत पर पुलिस खामोश रहीं। ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह से महिला अधिकारी ने शिकायत की तो उन्हें कार्रवाई के आश्वासन की बजाय नसीहत मिली। मीडिया ने जब मंत्री जी से इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता अमर्यादित काम नहीं करते हैं। कभी-कभार उत्साह में ऐसा हो जाता है।
बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने कुर्सी संभालते ही राज्य में माताओं-बहनों की सुरक्षा की बात की थी और पहले दिन से ही एंटी रोमियो स्कवॉड चालू हो गया था। ऐसे में उनकी पार्टी के ही कार्यकर्ता अगर उत्साह-उत्साह में मर्यादाओं को लांघते है तो सीएम योगी के लिए वे सिरदर्द साबित होंगे।
इसका जीता जागता उदाहरण सपा नेता मुलायम सिंह की उस बात से लिया जा सकता है जब उन्होंने रेप के आरोपियों का यह कहते हुए बचाव किया था कि लड़के हैं... गलती हो जाती है।
किसी भी पार्टी के कार्यकर्ता उसकी ईंट के सामान होते हैं जो उसकी बुनियाद रखते हैं। यूपी की सत्ता में 15 साल बाद बीजेपी प्रचंड बहुमत से आई तो कहीं न कहीं इसमें उसके कार्यकर्ताओं की मेहनत रही। योगी आदित्यनाथ को सीएम बनवाने में भी कार्यकर्ताओं का बड़ा योगदान रहा। यह भी सच है कि कार्यकर्ताओं और सदस्यों के संख्या बल के मामले में बीजेपी दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनी। केंद्र में भी बीजेपी की सरकार चल ही रही है। इन तमाम उपलब्धियों को देखते कुछ कार्यकर्ता 'सैयां भए कोतवाल...अब डर काहे का' वाली बात का भी अक्षरशा पालन कर रहे हैं।