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अगर कभी गिरफ्तार होने की नौबत आ गई तो ये अधिकार आपके काम आएंगे

Apoorva Pandey/ firkee.in Updated Mon, 01 May 2017 05:50 PM IST
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Viral and Trending Human rights which you can use when you get arrested
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भारत का संविधान कब बना और उसे किन लोगों ने मिलकर बनाया यह तो लगभग सब जानते हैं। लेकिन संविधान ने आपको क्या अधिकार दिए हैं इसके बारे में बहुत से लोगों को कुछ भी अता-पता नहीं होता है। यही वजह है कि कई बार लोग सिर्फ इस वजह से फंस जाते हैं क्योंकि उन्हें पर्याप्त ज्ञान नहीं होता। अगर आप सोच रहे हैं कि सिर्फ अनपढ़ लोग ही अपने अधिकारों से अनभिज्ञ रहते हैं तो आप गलत सोच रहे हैं। यह सवाल आप खुद से भी पूछ सकते हैं कि आपको कितने अधिकारों का ज्ञान है।

हम सबसे पहले आपको कुछ ऐसे अधिकारों के बारे में बताने जा रहे हैं जो भारतीय कानून आपको देता है। यह उस समय काम आते हैं जब आपसे पुलिस वाले किसी तरह की पूछताछ करने आते हैं। आमतौर पर पुलिस वालों को देखते ही लोगों के हाथ पैर फूल जाते हैं। पुलिस वालों की छवि ही कुछ ऐसी बनी हुई है कि लोग उनको देख कर डर जाते हैं। लेकिन अगर कभी किसी वजह से पुलिस आपको गिरफ्तार करने आती है तो आपको क्या अधिकार मिले हुए हैं जिनका प्रयोग करके आप अपनी तकलीफ कुछ कम कर सकते हैं।
 

1. अगर आपको कोई पुलिस वाला गिरफ्तार करने आता है तो उससे पहले उसे आपको अपनी आईडी दिखानी पड़ेगी और ये स्पष्ट करना होगा कि वो आपको गिरफ्तार क्यों कर रहा है।

2. आपके पास यह अधिकार है कि गिरफ्तार होने के साथ ही आप अपने कानूनी अधिकार मांग सकते हैं।

3. आप पुलिस की पूछताछ के दौरान ही अपने वकील को बुला सकते हैं।

4. पुलिस केवल 24 घंटे के लिए ही आपको हिरासत में रख सकती है और उसके बाद उन्हें मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी।

5. जिन पुलिस अधिकारियों ने आपसे पूछताछ की हो, आपको उनके नाम जानने का हक है।

6. आप जब तक पुलिस कस्टडी में हैं तब तक आपके पास ये अधिकार है कि आप हर 48 घंटों में अपनी मेडिकल जांच करवा सकें।

 
अब सवाल यह उठता है कि इन अधिकारों का प्रयोग कैसे किया जाए? पुलिस के पास एक पावर होती है जिसके आगे सब फीका पड़ जाता है। अगर कोई पुलिस वाला एक बार कड़क आवाज में बात भी कर लेता है तो लोग डर से थर-थर कांपने लगते हैं। ऐसे में गिरफ्तारी के समय अपने अधिकारों की बात करना बेमानी लगता है। आपने कई बार देखा होगा कि कुछ पुलिसवाले बुजुर्गों को भी बुरी तरह से मारते हैं। ऐसे में इनसे बहस करके भला कौन पंगा लेना चाहेगा? 

कहने को तो हमें बहुत से अधिकार मिले हुए हैं लेकिन जरूरत पड़ने पर अपना एक अधिकार पाने के लिए कोर्ट-कचहरी के न जाने कितने चक्कर लगाने पड़ते हैं। अब ऐसे में भला कौन इतनी हिम्मत जुटाएगा कि वो प्रशासन के खिलाफ जाकर आवाज उठा सके।
 

वैसे तो अधिकतर लोगों को अपने इन अधिकारों का पता ही नहीं है लेकिन जिनको पता भी है क्या वो अपने अधिकार ले पाते हैं। देश की जेलों में ना जाने कितने ही बेगुनाह लोग सड़ रहे हैं। सालों-साल से केस लटके पड़े हैं और उनके कोई परिणाम नहीं आ रहे। इसके अलावा लोग रोजमर्रा के भ्रष्टाचार से ही परेशान हैं। शक्ति कुछ सीमित लोगों के पास है और वो उनका जैसे चाहे वैसे प्रयोग करते हैं। 

लेकिन इसके बावजूद अपने अधिकारों को कभी मत भूलिए और आखिरी समय तक, जब तक रास्ता खत्म न हो जाए, लड़ते रहिए अपने उन अधिकारों के लिए जो आपको मानव होने के नाते और इस देश के नागरिक होने के नाते दिए गए हैं।  
 

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