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जहां हर रोज गाय को लेकर नए नए नियम और कानून बनाए जा रहे हैं, वहीं महिलाओं को उनकी सुरक्षा और उनके हक के लिए पुरुषों का मुंह ताकना पड़ता है। ये बात कही तो जाती है कि 'जहां नारी की पूजा होती है वहां भगवान का वास होता है' लेकिन इस बात पर अमल करना लोगों के लिए मुश्किल भरा काम है। यही बात समाज को समझाने के लिए 23 वर्षीय कलाकार सुजात्रो घोष ने एक प्रोजेक्ट शुरू करने का फै़सला किया। जिसमें उन्होंने सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं को गाय का मुखौटा पहनने के लिए कहा, ताकि गाय के साथ-साथ लोग महिलाओं की सुरक्षा की भी सुध ले सकें।
23 वर्षिय सुजात्रो घोष का कहना है कि 'गाय को लेकर पिछले एक साल में जितनी घटनाएं हुई हैं, उन सब के बारे में सोचकर मैंने यह प्रोजेक्ट शुरू करने का फैसला लिया'। लोगों तक ये संदेश पहुंचाने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया का प्रयोग किया। उनका ये मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। हालांकि कुछ लोगों ने इस प्रोजेक्ट का मजाक बनाया और उनके खिलाफ जाकर प्रदर्शन भी किया।
घोष के इस प्रोजेक्ट में साथ देने वाली रित्वीजा चक्रवर्ती का कहना है कि ' मुझे यह मुखौटा पहनकर सुरक्षित होने का एहसास तो नहीं होता लेकिन भीड़ में इस मुखौटे को पहन कर जाना मेरे अंदर हिम्मत जरूर लाता है। लोग मुझे आश्चर्य भरी निगाहों से देखते हैं, जिससे ये महसूस होता है कि मैं सबसे अगल हूं।
गाय को माता कहने वाले खुद अपनी मां की सुरक्षा नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए घोष ने अपने प्रोजेक्ट के जरिए ये बताने की कोशिश की है कि अगर हम गाय की सुरक्षा कर सकते हैं तो महिलाओं की क्यों नहीं।
ये बात कई जगहों से सामने आ रही है कि भारत में महिलाओं की सुरक्षा से ज्यादा गायों की सुरक्षा पर ध्यान दिया जा रहा है। यहां तक कि फ्रांस की एक पत्रिका 'Causette' में गाय और महिला पर बनाया गया एक कार्टून भी काफी वायरल हो रहा है। फिलहाल घोष ने सचमुच एक अनोखा और नया कदम उठाया है जो काफी सराहनीय है।