इस सिंगर को कहते थे बॉलीवुड की दूसरी लता मंगेशकर, इस एक फैसले से बर्बाद हो गया सबकुछ
टीम फिरकी, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 16 Nov 2018 06:45 PM IST
नब्बे के दशक की फेमस सिंगर अनुराधा पौडवाल लंबे टाइम से म्यूजिक वर्ल्ड से दूर हैं। अमिताभ बच्चन और जया की फिल्म 'अभिमान' से करियर शुरू करने वालीं अनुराधा ने करीब 12 साल पहले आखिरी बार फिल्म 'जाने होगा क्या'(2006) में गाने गाए थे। कम ही लोग जानते हैं कि उनकी एक बेटी भी है जिसका नाम कविता पौडवाल है। अनुराधा की एक बेटी और थी। हालांकि अनुराधा की वो बेटी जब एक महीने की थी तभी उसकी मौत हो गई थी।जानिए अनुराधा पौडवाल से जुड़ी कुछ ऐसी रोचक जानकारियां।
अनुराधा पौडवाल ने न सिर्फ बॉलीवुड में प्लेबैक सिंगिग की, बल्कि भजन गायिकी में भी उन्होंने नाम कमाया। उन्होंने अरुण पौडवाल से शादी की थी, जो एसडी बर्मन के असिस्टेंट और खुद भी एक म्यूजिक कंपोजर थे। दोनों के दो बच्चे बेटा आदित्य और बेटी कविता पौडवाल। अरुण पौडवाल की मौत(1991) के बाद अनुराधा का टी-सीरीज के मालिक गुलशन कुमार से काफी नाम जुड़ा। बता दें, अनुराधा ने करीब 10 साल से ज्यादा समय तक टी-सीरीज के लिए काम किया। इसी बीच गुलशन कुमार और अनुराधा पौडवाल के बीच अफेयर की भी खबरें आईं हालांकि इस पर किसी ने भी खुलकर कुछ नहीं कहा। अनुराधा ने बॉलीवुड गानों और भजनों के अलावा पंजाबी, बंगाली, मराठी, तमिल, तेलुगु, उड़िया और नेपाली भाषा में भी गाने गाए हैं।
बॉलीवुड में एक दौर ऐसा था जब हर दूसरी फिल्म में गायिका अनुराधा पौडवाल के गाने होते थे। अनुराधा पौडवाल 27 सितंबर को अपना जन्मदिन मनाती हैं।अनुराधा पौडवाल ने अपना करियर 90 के दशक में शुरू किया था और धीरे-धीरे अपनी धाक जमा दी। उस वक्त लता मंगेशकर, आशा भोसले और अल्का याग्निक पहले से ही इंडस्ट्री में टॉप की गायिकाओं में शामिल थीं। ऐसे में अनुराधा पौडवाल के लिए करियर की शुरुआत करना इतना भी आसान नहीं था। टी-सीरीज के मालिक गुलशन कुमार को अनुराधा की खोज माना जाता था। ऐसा कहा जाता है कि गुलशन कुमार उन्हें दूसरी लता मंगेशकर बनाना चाहते थे।
साल 1973 में अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी की फिल्म अभिमान से अनुराधा पौडवाल ने अपने करियर की शुरुआत की थी। अनुराधा को पहचान मिली साल 1976 में सुभाष घई की फिल्म कालीचरन से। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उस दौर के सभी बड़े संगीतकारों राजेश रोशन, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, कल्याणजी-आनंदजी और जयदेव के साथ अनुराधा पौडवाल ने काम किया।
अनुराधा पौडवाल के खाते में एक से बढ़कर एक हिट गाने आने लगे। ऐसी भी खबरें आईं कि लता मंगेशकर और आशा भोसले के साथ उनका विवाद भी हुआ, तब कई संगीतकारों के निशाने पर अनुराधा आ गईं। उस दौर में गुलशन कुमार की म्यूजिक कंपनी टी-सीरीज एक बड़ा नाम बना था। गुलशन कुमार ने अनुराधा के टैलेंट को पहचाना और उन्हें एक के बाद एक कई गाने दिए। उन्हें 'आशिकी', 'दिल है कि मानता नहीं' और 'बेटा' जैसी फिल्मों के लिए लगातार तीन फिल्मफेयर अवॉर्ड दिए गए।
अनुराधा पौडवाल हर फिल्म में गाना गाने लगीं। संगीतकार ओपी नैयर ने भी कह दिया था कि लता का दौर अब खत्म हो चुका है। अचानक एक दिन अनुराधा पौडवाल ने अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा फैसला लिया। उन्होंने ऐलान किया कि अब वो केवल टी-सीरीज के लिए ही गाना गाएंगी। अनुराधा पौडवाल के इस फैसले ने उनके करियर में ठहराव ला दिया।90 के दौर की दूसरी गायिकाओं अल्का याग्निक और कविता कृष्णमूर्ति को टी-सीरीज के बाहर के गाने मिलने लगे, वहीं अनुराधा पौडवाल ने भजन और आरती गानी शुरू कर दी। गुलशन कुमार की मौत के बाद तो उन्होंने फिल्मी गाने गाना छोड़ दिया। वो केवल भजन गाने लगीं।