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ऐसे होती है आपके वोटों की गिनती, यहां देखें पूरी प्रकिया

टीम फिरकी, नई दिल्ली Published by: Ayush Jha Updated Mon, 23 Dec 2019 01:31 PM IST
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EVM counting process
EVM counting process - फोटो : social media
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विस्तार

आज हर जगह झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों की बात चल रही है। सड़क हो या सोशल मीडिया हर जगह लोग चुनावी चौपाल लगा कर हार जीत का फैसला कर रहे हैं। मशीन में बंद उम्मीदवारों की किस्मत आज खुलने वाली है। वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है और शुरुआती रुझानों में कांग्रेस झामुमो का गठबंधन आगे बढ़ता दिखाई दे रहा है। लेकिन इन सबके बीच क्या आपने कभी सोचा है कि वोटों की गिनती कैसे होती है?
सबसे पहले काउंटिंग वाले दिन की सुबह 5 बजे सभी काउंटिंग सुपरवाइजर और असिस्टेंट अपनी ड्यूटी की जगह इक्कट्ठा हो जाते हैं।
काउंटिंग की शुरुआत रिटर्निंग ऑफिसर की देखरेख में होती है और यह प्रकिया सुबह 8 बजे से शुरू हो जाती है।
जनता के मतों (वोटों) की गिनती से पहले हर ईवीएम की जांच नियुक्त किए गए ऑफिसर्स करते हैं।
काउंटिंग हॉल में हर टेबल पर एक काउंटिंग सुपरवाइजर और हर पार्टी या प्रत्याशी के द्वारा चुना गया एक एजेंट मौजूद रहता जिनके आगे गिनती शुरू होती है।
वोटों की काउंटिंग सुपरवाइजर या असिस्टेंट करते हैं। इसके साथ ही पोस्टल बैलट पेपर की भी गिनती शुरू हो जाती है।
वोटों की गिनती को राउंड में बांटा जाता है और हर राउंड में काउंटिंग खत्म होने के बाद सुपरवाइजर पार्टी के एजेंट के सामने परिणामों की लिस्ट पर साइन करता है। इसे फिर रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा साइन किया जाता है। इसके बाद ही परिणाम की घोषणा होती है।
इस प्रक्रिया के साथ ही परिणामों का मिलान वीवीपैट द्वारा किया जाता है। आपने वोट देते समय देखा तो होगा कि जब कोई  ईवीएम मशीन में अपने पसंद की पार्टी के निशान के आगे का बटन दबाता हैं, अपने आप उस पार्टी के नाम का एक बैलेट पेपर छप जाता है, जिसे आपने वोट दिया है। ईवीएम मशीन की काउंटिंग  के बाद परिणामों को इन्हीं बैलेट पेपर से मैच करवाया जाता है।
इस सारी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाती है, ताकि सच सबके सामने रहे।
अगर ईवीएम मशीन के परिणाम और बैलेट पेपर के परिणाम नहीं मिलते, तो आखिर में वीवीपैट का परिणाम ही मान्य होता है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार हर असेंबली क्षेत्र से पांच ईवीएम मशीनों से वीवीपैट का मिलान किया जाएगा।
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