ये है इतिहास का सबसे अमीर आदमी, जिसकी दौलत के आगे नहीं टिकते विश्व के चार बड़े रईस
टीम फिरकी, नई दिल्ली
Published by:
Ayush Jha
Updated Sat, 21 Dec 2019 11:41 AM IST
जैकब फग्गर
- फोटो : सोशल मीडिया
आज हम आपको एक ऐसे आदमी के बारे में बताने जा रहे है जिसकी दौलत के बारे में जानकर आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे। इन्हें इतिहास का सबसे आमिर आदमी भी कहा जाता है। इनका नाम है जैकब फग्गर वैसे आज अगर ये जिंदा होते, तब भी बिल गेट्स, मार्क जकरबर्ग, वैरन बफेट और कारलोस स्लिम यानी दुनिया के चार बड़े रईसों से ज्यादा दौलतमंद होते।
जैकब फग्गर
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जैकब के जीवनीकार और वॉल स्ट्रीट जनरल के पूर्व संपादक ग्रेग स्टाइनमेट्ज के मुताबिक, इस जर्मन बैंकर और व्यापारी को 'द रिच वन' पुकारा जाता था। ये दौर था साल 1459 से 1525 का। जैकब ने उस दौर में आज के 400 बिलियन यूएस डॉलर यानी करीब 25 खरब रुपये कमाए। ग्रेग ने 2015 में जैकब को अपनी किताब 'द रिचेस्ट मैन हू एवर लिव्ड' में इतिहास का सबसे अमीर आदमी बताया।
जैकब फग्गर
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जैकब को इतिहास के सबसे अमीर आदमी बताने के ग्रेग के दावे पर सवाल किए जा सकते हैं। बीबीसी वर्ल्ड से बात करते हुए ग्रेग ने कहा, 'जैकब निसंदेह दुनिया में अब तक के सबसे ताकतवर बैंकर थे। वह पुर्नजागरण काल में रह रहे थे। तब दुनिया को दो ताकतें रोमन साम्राज्य और पोप चलाते थे। फग्गर इन दोनों को पैसा मुहैया कराते थे। इतिहास में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं हुआ, जिसके पास इतनी राजनीतिक ताकतें हों। फग्गर ने ये तय किया कि स्पेन के राजा चार्ल्स-1 को रोम का राजा होना चाहिए और चार्ल्स-5 के रूप में उन्हें सफलता भी मिली। चार्ल्स-5 ने नई दुनिया को उपनेविश बनाया। अगर वो सत्ता में न आए होते तो दुनिया वैसी न होती, जैसी आज है।'
jakob fugger
- फोटो : social media
उस दौर के रईसों मेडिकी, सीजर और लुसरेजिया बोर्गिया बंधु के बारे में काफी लोग जानते हैं। ऐसे में सवाल ये है कि फग्गर के बारे में कम लोग क्यों जानते हैं। ग्रेग इसकी वजह बताते हैं, 'ऐसा इसलिए था क्योंकि फग्गर जर्मन थे और वो अंग्रेजी बोलने वाली दुनिया के बीच पहचाने नहीं गए। मैं बर्लिन में वॉल स्ट्रीट जनरल का ब्यूरो प्रमुख था। मैंने कई बार फग्गर का नाम सुना था, लेकिन मुझे अंग्रेजी में उनके बारे में कुछ पढ़ने को नहीं मिला।'
jakob fugger
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दुनिया फग्गर के बारे में शायद इसलिए भी कम जानती है, क्योंकि वो रंगीन मिजाज आदमी नहीं थे। जैसा कि उस दौर के रईसों के लिए एक बहुत साधारण बात थी। फग्गर ने कभी कोई राजनीतिक ऑफिस बनाना या पोप बनना नहीं चाहा। न ही फग्गर ने इमारतें बनवाने और न ही पुर्नजागरण के किसी आर्टिस्ट को स्पॉन्सर करने का काम किया। फग्गर का सबसे मशहूर काम रहा फग्गराई। यानी एक सामाजिक हाउसिंग प्रोजेक्ट, जिसे उन्होंने दक्षिणी जर्मनी के ऑग्सबर्ग में बनाया था। फग्गर का ये काम अब भी जर्मन में मशहूर है क्योंकि यहां रहने वाले लोग अब भी साल का किराया करीब एक डॉलर यानी 64 रुपये देते हैं।
जैकब फग्गर
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ग्रेग बताते हैं, 'बैंकर उस दौर में जरा छुपकर काम करना पसंद करते थे।' लेकिन इसका ये कतई मतलब नहीं है कि जैकब फग्गर अपनी निशानी नहीं छोड़ गए। उनका प्रभाव आज भी महसूस किया जा सकता है, हालांकि इस तथ्य को झुठलाया नहीं जा सकता कि कम लोग ही उन्हें जानते हैं। फग्गर के दौर में आर्थिक गतिविधियां बहुत छोटे पैमाने पर होती थीं। अमीर अपनी जमीन और किसानों के किए कामों पर निर्भर रहते। किसानों को अपनी मेहनत के बदले मिली थी सुरक्षा। फग्गर ने अपने दिए कर्ज के बदले माइनिंग राइट्स यानी कर्ज खुदाई करके चुकाने की बात की और तांबे-सिल्वर के व्यापार में एकाधिकार हासिल किया। इसके अलावा फग्गर ने मसालों का धंधा किया। फग्गर पूंजीवाद के संस्थापकों में से एक थे।
जैकब फग्गर
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फग्गर ये जानते थे कि सूचनाओं का कितना महत्व है। वो सूचनाएं अपने प्रतिस्पर्धी से पहले पाना चाहते थे। इसके लिए फग्गर ने दूसरे शहरों से व्यापार और राजनीति से जुड़ी खबरें लाने वालों संदेशवाहकों को रुपये देना शुरू किया। फग्गर के बाद के लोगों ने ये परंपरा जारी रखी और फग्गर न्यूजलेटर्स की शुरुआत की। इसे इतिहास के शुरुआती अखबारों में से एक माना जाता है।
जैकब फग्गर
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मेडिकी के पास बैंक थे लेकिन कैथलिक चर्च ब्याज की इजाजत नहीं देते थे। ब्याजखोरी को चर्च गलत मानता था। फग्गर ने पोप लियो-5 से संपर्क साधा और इस बैन को हटाने की मांग की। फग्गर ने ये सुझाव दिया कि जो लोग ऑग्सबर्ग के बैंक में रुपये जमा कराएंगे, उन्हें सालाना पांच फीसदी ब्याज दिया जाएगा। फग्गर 33 साल के थे, जब कोलंबस ने अमेरिका की खोज की थी। वह उन चंद फाइनेंसर्स में से एक थे, जिन्होंने दुनिया का भ्रमण करने निकले फर्दिनान्द मैगलन का खर्च उठाया।