जापान की कंपनी ने दिया सोने का ऑफर, सैलरी भी मोटी खाना भी फ्री
टीम फिरकी, नई दिल्ली
Updated Tue, 23 Oct 2018 12:09 PM IST
जापान की कंपनी ने जो किया, वो भारत की हर कंपनी को करना चाहिए। दीपावाली नजदीक है और भारत की कंपनियों ने कर्मचारियों को खुश करने के लिए गिफ्ट, मिठाइयां, बोनस आदि देने की तैयारी कर ली है लेकिन क्या कर्मचारियों के लिए इतना पर्याप्त होगा..? जी नहीं, कतई नहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि जब कोई कर्मचारी बीमार पड़ता है तो कोई भी कंपनी उनके इलाज के लिए आगे नहीं आती। सर्वे बताता है कि अधिकतर कर्मचारी काम के बोझ और पूरा आराम न मिलने के कारण बीमार पड़ते हैं। उनका दिमाग थक जाता है लेकिन कंपनी उन्हें आराम देने के बारे में जरा भी नहीं सोचती।
मगर, जापान की एक कंपनी ने हफ्ते में कम-से-कम 5 दिन 6-6 घंटे की नींद रात के वक्त लेने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया है। जी हां, न सिर्फ नींद बल्कि कंपनी ने अपने कर्मचारियों को खुश रखने के लिए उनकी प्रॉपर डाइट को भी इसमें जोड़ा है। कंपनी ने उन कर्मचारियों को कुछ पॉइंट्स दिए हैं जिससे वे कंपनी की कैंटीन में प्रतिवर्ष ₹40,000 तक की कीमत का खाना खा सकते हैं। कर्मचारियों की नींद को एक ऐप द्वारा ट्रैक किया गया था।
'Kazuhiko Moriyama' नामक एक शादी आयोजक कंपनी चलाने वाले शख्स ने अपने कर्मचारियों पर बड़ा दाव खेला है। जी हां, इस कंपनी ने हफ्ते में 5 दिन में 6-6 घंटे सोने वाले कर्मचारी को सम्मानित किया है। कंपनी के मालिक का कहना है कि अच्छी नींद लेने वाले कर्मचारी काम पर पूरी एनर्जी के साथ लौटते हैं और तेजी के साथ काम करते हैं। इससे कंपनी को ही फायदा मिलता है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जापान की एक शादी आयोजक कंपनी 'क्रेजी इंक' ने 5 दिन में 6-6 घंटे सोने वाले अपने हर एक कर्मचारी को सम्मानित किया है। अब आप सोचेंगे कि कंपनी को कैसे पता कि उसके कर्मचारी 6 घंटे सोए हैं। दरअसल, ये पता लगाने के लिए कंपनी ने कर्मचारियों की नींद को एक ऐप द्वारा ट्रैक किया था। सबसे ज्यादा ताज्जुब करने वाली बात तो यह है कि छह घंटे की नींद लेने वाले इन कर्मचारियों को कंपनी ने अपने कैफेटेरिया में प्रतिवर्ष 40,000 तक की कीमत का खाना खाने की छूट दी है। जी हां, प्रति वर्ष 64,000 येन ($ 570) का खाना-पीना अब ये कर्मचारी कर पाएंगे। बस कंपनी की ओर से उनकी 6 घंटे की नींद को हर रात ट्रैक किया जाएगा।
एक स्वास्थ्य उत्पाद निर्माता फुजी रियोकी के एक सर्वेक्षण के मुताबिक, 20 साल से अधिक उम्र के 92% से अधिक जापानी कहते हैं कि उन्हें पर्याप्त नींद नहीं मिल रही है। इस चलते कॉर्पोरेट जगत में श्रम की कमी होने लगी है। कम उम्र में मौतों की संख्या बढ़ने लगी है। जापान में तेजी से बढ़ने वाली मृत्युदर पर रोक लगाने के लिए यह कदम बेहद कारगर माना जा रहा है। कंपनी की इस पहल की काफी तारीफें की जा रही हैं। Moriyama के अनुसार खुशहाल जीवन जीने वाले कर्मचारी कार्यालय में बेहतर प्रदर्शन करते हैं इसलिए उनकी पर्सनल जिंदगी की खुशी के लिए उनकी नींद पूरी होना सबसे अहम है।
मोरियायामा ने कहा, "हमें श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करनी होगी, अन्यथा देश कमजोर हो जाएगा।" इसके सबूत मिलते रहे हैं कि अधिक नींद से व्यापार प्रदर्शन और आर्थिक विकास में सुधार होता है। रैंड कॉर्प द्वारा 2009 के एक अध्ययन के मुताबिक आधूरी नींद के चलते यू.एस. अर्थव्यवस्था को सालाना 411 अरब डॉलर या जीडीपी का 2.28% का नुकसान होता है। वहीं जापान के लिए यह नुकसान 138 अरब डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का 2.92% होने का अनुमान है। मोरियायामा ने कहा, "मैं अंततः ऐसी सहूलियत दस लाख कर्मचारियों को देना चाहता हूं।"