विस्तार
वो कहावत हैं न कि 'दुनिया चांद पहुंच गई और तुम यहीं पर बैठे हो' कुछ-कुछ भारतीय मूल के लोगों पर फिट बैठती है। इसकी वजह आज का बदलता ट्रेंड हैं। पश्चिमी देशों की कॉपी करते-करते भैया ओढ़ने-पहनने का तो ट्रेंड भारतीयों ने बदल लिया लेकिन आज भी अपने खान-पान को उनकी तरह नहीं बदल पाए। उनके खाने-पीने की क्या बात करें..? भारत में तो ऐसी जगह भी मिल जाएगी जहां इन सब चीजों का नाम तक लेना हराम समझा जाता है। परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है ये बात समझने में क्यों देरी कर रहे हैं लोग..?
जी हां, दुनिया के कई देशों में लोग कीड़ों से बना खाना खाते हैं, लेकिन ज्यादातर भारतीय किड़ों से बने खाने के बारे में सुनकर ही असहज हो जाएंगे। जरा आप ये तस्वीर देखिए क्या यह देखने में स्वादिष्ट नहीं लग रहे..? स्विटजरलैंड की एक सुपरमार्केट चेन ने किड़ों से बने उत्पाद बेचने का काम शुरू किया है।
यहां हेमबर्गर से लेकर इंसेक्ट बॉल्स तक मिल जाती है। ये बात तो वैज्ञानिक भी मानते हैं कि कीड़ों में प्रर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मौजूद होता है जो बेहद पोष्टिक होता है। एशिया, अफ्रीका और दक्षिणी अमेरिका में तो लोगों ने इसे डाइट का हिस्सा भी बना लिया है। ये खानेवाले के लिए तो फायदेमंद है ही, साथ ही यह पर्यावरण के लिए भी अच्छा है।
इस बात को कुछ यूं समझे... हम सभी जानते हैं कि मवेशी पालन का जलस्रोत पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। एक किलोग्राम बीफ के उत्पादन में करीब 15 हजार लीटर पानी की जरूरत पड़ती है। ये किड़ों से तैयार उत्पाद से दस गुना ज्यादा है।
स्विटजरलैंड की दूसरी सबसे बड़ी सुपरमार्केट चेन का कहना है कि वे लोगों में नई फूड हैबिट विकसित करना चाहते हैं। यह कदम यूरोप में कीड़ों से बने उत्पादों को बढ़ावा देने की पहली बड़ी कोशिश है। क्या आने वाले समय में यही सबसे बड़ा ट्रेंड होगा..?