पूरी दुनिया में सिर्फ भारतीय ही ऐसे हैं जो आपको किसी भी देश में देखने को मिल जाएंगे। माना जाता है, एक भारतीय जहां भी रहता हो अपने नाम का डंका जरूर बजाता है। एक ऐसा ही उहाहरण भारतीय मूल की भाषा मुखर्जी है। जिन्होंने गुरुवार को मिस इंग्लैंड का ताज अपने नाम कर लिया।
ब्यूटी और ब्रेन के कॉम्बिनेशन के आगे दुनिया झुक जाती है तो भला भाषा के आगे ब्यूटी कॉन्टेस्ट के जज कैसे न झुकते। 23 साल की भाषा जब नौ साल की उम्र में भारत से लंदन बसने गईं थीं तो उन्हें इस बात का अंदाजा भी नहीं होगा कि एक दिन वो इस देश को रिप्रजेंट करने वाली महिला बन जाएंगी।
अब खिताब तो अपने नाम कर लिया तो भला ड्यूटी से पीछे कैसे रहतीं भाषा। पेशे से डॉक्टर भाषा ने खिताब जीतने के तुरंत बाद ही अस्पताल में लोगों की सेवा करना शुरू कर दिया। दरअसल, इंग्लैंड के पूर्व-मध्य क्षेत्र में स्थित डरबी की रहने वाली भाषा ने गुरुवार की रात उत्तर-पूर्वी इंग्लैंड में न्यूकासल अपॉन टाइन में मिस इंग्लैंड का खिताब जीतने के कुछ घंटे बाद ही लिंकनशायर, बॉस्टन के पिलग्रिम अस्पताल में नई नौकरी शुरू की।
मिस इंग्लैंड प्रतियोगिता खत्म होने के बाद अब वह मिस वर्ल्ड की प्रतियोगिता की तैयारियों में जुट गई हैं। डॉ. भाषा मुखर्जी अब 69वीं मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगी, जो इस साल दिसंबर में आयोजित होगी। इस प्रतियोगिता की मेजबानी इस बार लंदन ही कर रहा है।
मुखर्जी अंग्रेजी और हिंदी के साथ बांग्ला, जर्मन और फ्रेंच भाषा बोल सकती हैं। भाषा का आईक्यू भी 146 है जो अच्छी बुद्धिमत्ता को प्रदर्शित करता है। मुखर्जी कहती हैं कि इस साल अपना मेडिकल फाइनल पूरा करने और मिस इंग्लैंड प्रतियोगिता के बीच संतुलन बनाना काफी कठिन था।
भाषा ने कहा, 'मैं दक्षिण-एशियाई समुदाय, अल्पसंख्यक समुदाय और डरबी का प्रतिनिधित्व कर बहुत गर्व महसूस कर रही हूं।' टैलेंट राउंड के दौरान भाषा ने भारतीय शैली में नृत्य प्रस्तुत किया था। वह साल 2013 से एक जेनरेशन ब्रिज प्रोजेक्ट के नाम से चैरिटी भी कर रही हैं। यह प्रोजेक्ट डरबी में फन डेज और टैलेंट शो का आयोजन कराने में सहायता करता है।