भारत में उन लोगों की संख्या सबसे अधिक होगी जो बिना चाय अपनी सुबह की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।चाय भारत के लोगों के जीवन का अहम हिस्सा है।यहां हर घर में चाय बनती है, हर गली नुक्कड़ पर एक चाय वाले भइया जरूर होते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि, भारत की चाय में जादू है। लेकिन एक चाय ऐसी भी है जो और कहीं नहीं मिलती।जी हां और ये चाय पीने के लिए आपको बांग्लादेश जाना पड़ेगा।
ये चाय भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में मिलती है, जो सतरंगी यानी इंद्रधनुष के रंग की है।रंग बिरंगी दिखने वाली इस चाय में सिर्फ रंगों का खेल ही नहीं है बल्कि हर रंग में अलग स्वाद है। सैफु़ल का ये टी स्टॉल अब ढाका का एक चर्चित टूरिस्ट स्पॉट बन गया है।
ढाका के टालटोला मार्केट में इस सतंरगी चाय को पीने के लिए लोग विदेशों से आते हैं। इस चाय स्टॉल के मालिक सैफ़ुल इस्लाम हैं। इन्होंने सात परतों वाली इस चाय को बनाने में महारथ हासिल की है। इस चाय की हर परत में अलग रंग ही नहीं स्वाद भी अलग है। हैरानी की बात ये है सभी चाय एक दूसरे में न तो घुलती है और न ही किसी और परत का स्वाद बिगाड़ती है। इस एक प्याली चाय का दाम 70 रुपये है।
रंगधोनू नाम की इस चाय को बनाना सैफु़ल ने बांग्लादेश के लेजेंडरी टी-मेकर रोमेश राम गौर से सीखा है। ढाका से 200 किलोमीटर दूर श्रीमंगोल शहर में उनके टी-स्टॉल पर चाय पीने वालों की भीड़ लगी रहती है।
वीडियो भी देखें साभार: नज्मुस साकिब (यूट्यूब)
वाकई रोजाना की चाय से अलग अगर किसी को इतनी बेहतरीन चाय बनानी आती है तो कोई क्यों भी अपनी इस विशेषता को दुनिया से क्यों बांटेगा। सैफुल ने भी भले ही चाय कैसे बनायीं जाती है बेशक न बताया हो लेकिन चाय में पड़ने वाली सामग्री को जरूर सबसे बांटा है। सैफुल के अनुसार, हम इसमें कई तरह की लोकल चाय, चीन से आने वाली चाय, दूध और कई तरह के मसाले डालते हैं। हर परत का अपना अलग स्वाद और रंग होता है। हर परत की चाय को बड़ी ही सावधानी से दूसरी पर डाला जाता है।