'चालान' वैसे तो ये कहने के लिए एक शब्द है, लेकिन सरकार के नए मोटर व्हीकल एक्ट के बाद ये शब्द डर में तब्दील हो चुका है। इसके कानून के लागू होते ही चालान की रकम काफी मोटी हो गई है। इस बात से तो सभी वाकिफ है कि पिछला कुछ महीनों में ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के क्या हाल हुए। ताजा मामला भी इसी चालान को लेकर है।
बेंगलुरु पुलिस ने मंगलवार के दिन 5200 ऑटो चालाकों के चालान काटे। इतने ऑटो वालों के चालान काटने के लिए पुलिस ने गजब की तरकीब अपनाई। अपने तरकीब के तहत पुलिसवालों ने चालानों से तकरीबन 8 लाख रुपये इकट्ठा किए।
इस प्लान को कामयाब बनाने के लिए 250 पुलिसकर्मियों ने खुद को आम आदमी बनाया और यह प्रक्रिया सुबह 11 बजे शुरू कर दी, इस प्लान में कई महिला पुलिस भी शामिल थी और इन्होंने अलग-अलग चौक-चौराहे पर खड़े होकर ऑटो को रोका, उन्हें बुक किया।
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिर्पोट के मुताबिक इनमें से 1575 उन ऑटोवालों के चालान कटे जिन्होंने बुक करने के बाद राइड से मना कर दिया। 1346 वो लोग थे जिन्होंने किराए से ज्यादा पैसे लिए और बाकी बच्चे 2282 ऑटोचालकों के चालान यूनिफॉर्म ना पहनने के कारण, कागज-पत्र पूरे ना होने के कारण काटे गए।
ज्वाइंट कमिश्नर आफ पुलिस बीआर रविकांत ने बताया कि पूरे कागजात ना होने के कारण लगभग 492 ऑटोरिक्शा तो सीज भी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया, ‘कई ड्राइवर्स की फोटो नहीं मैच हो रही थी, काफी लूपहोल्स थे। जिसके कारण यह कार्रवाई करनी पड़ी।