अमेरिका के रहने वाले थॉमसन दंपती ने अपने नए घर को बनाने के लिए ओक (चीड़) के तीन पेड़ों को काट दिया। जिसके बाद उन पर पेड़ काटने के जुर्म में कोर्ट ने 4 करोड़ का जुर्माना लगाया है।
बता दे कि इनमें से एक पेड़ 180 साल पुराना था। थॉमसन दंपती ने बताया कि उनकी मंशा उन पेड़ों को अपने नए घर में फिर से लगाने की थी। लेकिन पेड़ों को अपने घर में वापस लगाने की लाख कोशिशों के बावजूद वह पेड़ को दोबारा नहीं लगा पाए। जिसके बाद जज पैट्रिक ब्राडेरिक ने दंपती को पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के आरोप में दोषी मानते हुए उन्हें हर्जाना भरने के लिए कहा।
बता दें सोनोमा लैंड ट्रस्ट ने थॉमसन दंपती के खिलाफ इस केस को दायर किया था। जिसके बाद फैसला ट्रस्ट के पक्ष में आया, जज ने अपने 56 पन्नों के फैसले में ट्रस्ट की सराहना करते हुए कहा कि पेड़ को जो क्षति पहुंची है, वह असहनीय है।
दंपती के वकील रिचर्ड फ्रीमैन ने कहा कि 2014 में पेड़ों को काटने की बात सामने आई थी। ट्रस्ट ने दिसंबर 2014 में दंपती को नोटिस भेजा था। जिसको लेकर दंपती टालमटोल कर रही थी।
दंपती को नोटिस के प्रति सजग न देखकर ट्रस्ट ने थॉमसन दंपती के खिलाफ केस दायर कर दिया। दंपती ने कोर्ट में यह दलील दी कि उनसे यह पेड़ गलती से क्षतिग्रस्त हो गए, लेकिन ट्रस्ट के वकील सराह सिगमैन ने अंग्रेजी वेबसाइट वॉशिंगटन पोस्ट को बताया कि जब उन्होंने दंपती से इसके बारे में सवाल किए तो उनका रवैया आहत करने वाला था। दोनों ने इस बात को लेकर यह बर्ताव किया कि उन्हें पेड़ों के कटने से कोई फर्क नहीं पड़ता।
थॉमसन दंपती ने अपने बचाव में कहा कि वे पेड़ों को बचाने की कोशिश कर रहे थे, क्योंकि इसके पास से बिजली की हाईटेंशन लाइनें गुजर रही थीं। जिस कारण यह सब हुआ, इस तरह की दर्जनों दलील के बाद भी कोर्ट न माना और जज ने अपने फैसले को सुनाते हुए दंपती के उपर पर्यावरण को क्षति पहुंचाने के आरोप में दोषी पाया और कोर्ट ने कहा कि थॉमसन दंपती ने न केवल अपराध किया, बल्कि ट्रस्ट की जांच को प्रभावित करने की कोशिश भी की है।