आमतौर पर लोग किसी छोटी-मोटी समस्या से बचने के लिए झूठ बोल ही देते हैं, लेकिन एक महिला सांसद को सिर्फ एक झूठ बोलना काफी भारी पड़ा है। इसके लिए उनकी सांसदी ही रद्द कर दी गई है। यह अनोखी घटना इंग्लैंड की है।
दरअसल, साल 2017 में इंग्लैंड के पीटरबरो से सांसद रहीं फियोना ओनासान्या ने तेज गाड़ी चलाने पर चालान से बचने के लिए झूठ बोला था। इस मामले में दोषी पाए जाने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था, जिसके बाद आम नागरिकों ने उन्हें उनके पद से हटाने के लिए रिकॉल पिटीशन लगाई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फियोना को हटाने के लिए करीब 19 हजार लोगों ने पिटीशन पर हस्ताक्षर किए, जो कि कुल योग्य वोटरों का 27.6 फीसदी है। आपको बता दें कि रिकॉल पिटीशन से किसी भी सांसद को हटाने के लिए सिर्फ 10 फीसदी योग्य मतदाताओं के हस्ताक्षर की ही जरूरत होती है।
फियोना ओनासान्या ब्रिटेन की पहली ऐसी सांसद हैं जिनसे आम नागरिकों ने रिकॉल पिटीशन लगाकर सांसदी छीनी है। ब्रिटेन में यह कानून साल 2015 में लागू किया गया था। हाउस ऑफ कॉमन्स के स्पीकर जॉन बरकाव ने रिकॉल पिटीशन को सफल बताते हुए पीटरबरो में उपचुनाव का एलान किया है।
ब्रिटेन में पहली बार साल 2015 में वहां के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने रिकॉल पिटीशन का कानून संसद में रखा था। इस कानून की खासियत है कि इसे सिर्फ कुछ खास परिस्थितियों में ही इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे किसी सांसद के किसी जुर्म में दोषी पाए जाने या उसके जेल जाने की स्थिति में।
ब्रिटेन में पहली बार साल 2018 में रिकॉल पिटीशन का इस्तेमाल किया गया था। इसके जरिए नॉर्थ एंट्रिम के सांसद इयान पैसले को हटाने की कोशिश की गई थी। दरअसल, वह श्रीलंका सरकार की ओर से मिली दो छुट्टियां का खर्च उठाए जाने संबंधी जानकारी संसद को नहीं दे पाए थे, जिसके बाद उनके खिलाफ रिकॉल पिटीशन लगाया गया था। हालांकि मतदाताओं के जरूरी हस्ताक्षर नहीं मिलने की वजह से उनकी सांसदी बच गई थी।