भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश यूं ही नहीं कहा जाता यहां एक मतदाता के लिए
चुनाव आयोग (
election commission of india) ने जो काम किया है उसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
एक मतदाता की इस लोकतंत्र में कितनी जरूरत है इसे चुनाव आयोग अच्छे से जानता है।
कभी-कभी एक वोट से ही सरकारें बदल जाती हैं। लोकतंत्र में एक वोट की भी बहुत कीमत है। चुनाव आयोग पूरी तरह से ध्यान रखता है कि किसी को भी मकदान करने में कोई असुविधा न हो। अरुणाचल प्रदेश के ह्यूलियांग विधानसभा के मालोगम गांव में एक वोटर के लिए चुनाव आयोग एक अस्थायी पोलिंग स्टेशन बनाएगा।
एक महिला वोटर 11 अप्रैल को विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए वोट डालेंगी। बता दें, पिछले 2014 लोकसभा चुनाव में यहां से दो वोटरों ने वोट डाला था। इसे भारत का सबसे छोटा पोलिंग बूथ बताया जा रहा है।
अरुणाचल प्रदेश के ईस्ट लोकसभा क्षेत्र में ये बूथ है, जिसके बारे में चुनाव अधिकारी को बताया गया। जिसके बाद उन्होंने बताया कि मालोगाम विधानसभा क्षेत्र के एक बूथ पर केवल एक वोटर है, जिसके लिए अस्थायी पोलिंग बूथ बनाया जाएगा। अरुणाचल के मालोगाम गांव में 45 -ह्यूलियांग एलएसी में सिर्फ एक वोटर है और नए अरुणाचल प्रदेश को बनाने के लिए हर वोट गिना जाता है।
अरुणाचल प्रदेश के बीजेपी पेज ने लिखा- लोकतंत्र की ताकत वोटर में होती है। अरुणाचल प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ 11 अप्रैल को कराए जाएंगे। आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव प्राधिकारियों ने सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए क्या करें और क्या न करें की सूची जारी कर दी है और सभी सरकारी तंत्र से इसका कड़ाई से पालन करने की अपील की है।
निर्वाचन कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि सभी उपायुक्तों द्वारा अनिवार्य रूप से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान से रोकथाम वाला अधिनियम लागू किया जाएगा। राज्य में 11 अप्रैल को कुल 7,94,162 मतदाता (जिनमें से 4,01,601 महिलाएं हैं) अपने मत का इस्तेमाल 2,202 पोलिंग स्टेशन पर करेंगे।