देश में बीते दिनों चुनाव संपन्न हुए हैं, जहां नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा-एनडीए सरकार ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। इस जीत के साथ भाजपा ने 40 वर्ष पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। इस बार संसद की 17वीं लोकसभा होगी। संसद भवन भारत का सर्वोच्च संस्था है। आइये जानते हैं संसद भवन के कुछ रोचक तथ्य...
देश के सबसे बड़े भवन का इतिहास तकरीबन 9 दशक से भी ज्यादा पुराना है, इसकी संरचना पूर्णत: गोलाकार है। माना जाता है कि इस इमारत के निर्माता ब्रिटिश वास्तुविद सर एडविन लुटियंस थे। कहते हैं, मध्य प्रदेश के मुरैना के पास स्थित प्राचीन चौसठ योगिनी मंदिर से इस भवन का डिजाइन अपनाया गया था।
देश को सैकड़ों करोड़ का बजट देने वाले संसद भवन को बनाने का खर्च महज 83 लाख रुपये आया था। संसद भवन की नींव की पहली ईंट 12 फरवरी, 1921 को रखी गयी थी। साथ ही इसके निर्माण में 6 साल का समय लगा था।
देश में वीआईपी कहे जाने वाले सांसदों के लिए यहां खाना सबसे सस्ते दामों में उपलब्ध कराया जाता है। संसद की कैंटीन में खाना महज 12 रुपये में मिलता है।
संसद की लाइब्रेरी देश की दूसरी सबसे बड़ी लाइब्रेरी है। इस लाइब्रेरी में भारत के संविधान की हिंदी और अग्रेजी में हाथ से लिखी प्रतिलिपि नाइट्रोजन गैस से भरे चैंबर में सुरक्षित रखी गयी है।
देश का सुप्रीम कोर्ट पहले संसद के सेंट्रल हॉल में था। आजादी के बाद नयी सुप्रीम कोर्ट की बिल्डिंग बनने तक सेंट्रल हॉल में ही देश का सुप्रीम कोर्ट चलता था। संसद के दोनों सदन घोड़े के पैर की संरचना पर बने हैं। लोकसभा और राज्यसभा हॉल का आकार घोड़े के पैर के आकार का है।