पिछले कई महीनों से ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग दुनिया के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। इस आग ने कई लोगों और जानवरों की मौत हो चुकी है। वहीं इस आग ने कई लोगों बेघर और घायल बना दिया हैं। ऑस्ट्रेलिया सरकार वन्य जीवों को बचाने और आग पर नियंत्रण पाने के लिए बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला जा रही है। इस आपदा से जुड़े कई वीडियोज और तस्वीरें आए दिन सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं।
एक ताजा मामला भी ऑस्ट्रेलिया से सामने आया जिसने हर किसी को हैरान कर रखा है। ऑस्ट्रेलिया सरकार ने 10 हजार ऊंटों को मारने का आदेश दिया है। इसका कारण है उनका अधिक पानी पीना, आपकी जानकारी के लिए बता दें, यह आदेश दक्षिण ऑस्ट्रेलिया क्षेत्रों के आदिवासी नेताओं ने दिया है।
मीडिया में आई खबरों की माने तो हजारों जंगली ऊंटों को मौत के घाट उतारने का आदेश इसलिए दिया गया है ताकि देश सूखे की समस्या से निपट सके। इस आदेश पर प्रशासन का कहना है कि ये ऊंट बहुत अधिक पानी पी जाते हैं, इसलिए बुधवार से प्रोफेशनल शूटर हेलीकॉप्टर के जरिए इन ऊंटों को मौत के घाट उतारेंगे।
डेली मेल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों का मानना है कि ऊंट ग्लोबल वार्मिंग में भी अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। दरअसल, यह ऊंट सालभर में एक टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर मीथेन गैस का उत्सर्जन करते हैं।
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि इन 10 हजार ऊंटों को 5 दिनों के अंदर मारा जाना है। कार्बन फार्मिंग स्पेशलिस्ट रेगेनोको के चीफ एग्जीक्यूटिव टिम मूर बताते हैं, एक लाख जंगली ऊंट प्रति वर्ष एक टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करते हैं, जो सड़क पर मौजूद अतिरिक्त 400,000 गाड़ियों के बराबर है!