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कैब आई नहीं... उसमें बैठा नहीं... और 150 करोड़ रुपये का बिल! जी...सोचो अगर ऐसा आपके साथ हो तो कैसा महसूस करेंगे? ओला कैब अब अंजाना नाम नहीं है। मेट्रो सिटीज में रहने वाला हर शख्स इसमें बैठा नहीं, तो इसके बारे में जानता जरूर है। लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि एक मिनट की राइड का 150 करोड़ रुपये बिल बना दिया जाए। अरे भई, ये मजाक नहीं, हकीकत है। बात मायानगरी (मुंबई) की जो है।
ऑटो से भी कम किराए में सफर करवाने वाली कंपनी की सर्विस का इस मुंबईकर पर असर ऐसा रहा कि जिसने सुना भौचक रह गया। ये साहब खुद भी रह गए।
अंग्रेजी वेबसाइट बजफीड की खबर के मुताबिक तस्वीर मुंबई में काम करने वाले डिजाइन कंसल्टेंट सुशील नरसियन की है। सुशील ने एक अप्रैल को मुंलुंड से वरसोवा जाने के लिए ओला कैब बुक की। सुशील ने ड्राइवर को फोन लगाया। ड्राइवर ने कहा, ''ओला एप हैंग हो गया था, आपकी लोकेशन नहीं मिल रही है।'' सुशील को जैसे ही पता चला कि वह कैब से 3 मिनट की दूरी पर है, उसने गाड़ी तक पैदल चलकर जाना ठीक समझा। लेकिन जैसे वह गाड़ी की लोकेशन पर पहुंचा, ड्राइवर ने राइड कैंसिल कर दी।
अब सुशील दूसरी कैब बुक करने की कोशिश कर ही रहे थे कि उनकी नजर मोबाइल पर आए ओला के भुगतान मैसेज पर पड़ी। मैसेज देखते ही सुशील के पैरों तले से जमीन खिसक गई। बिल जो 150 करोड़ का आया था।
भारी-भरकम बिल की वजह से सुशील को कुछ पल के लिए लगा कि कंपनी ने उन्हें 'अप्रैल फूल' बनाया है। लेकिन पहला बिल क्लियर किए बिना दूसरी कैब बुक कर पाना संभव नहीं था। सुशील ने कंपनी की ग्राहक सेवा सें संपर्क साधा और तब पता चला कि तकनीकि खराबी के कारण इतना बिल आया था। बाद में कंपनी ने माफी मांगी और भविष्य में इस तरह की किसी भी शिकायत न आने के लिए आश्वस्त किया।