मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के गणेश तलाई क्षेत्र में भूतिया बंगले के नाम से पहचाने जाने वाले अंग्रेजों के लाल डाक बंगले में बीते रविवार को दो तिजोरियां मिलने से सनसनी फैल गई है। हालांकि, तहसीलदार के नहीं आने से तिजोरी को नहीं खोला जा सका। पुलिस ने मैथोडिस्ट संस्था को तिजोरी सौंप दी है। करीब वर्ष 1920 में बना यह बंगला काफी समय से वीरान है।
लाल बंगले से तिजोरियों को निकालकर पास में मैथोडिस्ट संस्था के पदाधिकारी ने अपने बंगले में रख दिया था। पता चलने पर लोगों ने कोतवाली में सूचना कर दी थी। इसके बाद एसआई लखनलाल मालवीय पुलिसकर्मी के साथ मौके पर पहुंचे और तिजोरियों को बंगले से बाहर ले आए।
तिजोरियों के बाहर लाते ही लोग देखने के लिए उत्सुक दिखे और बड़ी संख्या में लोग इन तिजोरियों को देखने के लिए पहुंच गए। पुलिसकर्मियों ने जैसे-तैसे भीड़ को दूर किया। इसके बाद तहसीलदार को फोन कर तिजोरियों के बारे में जानकारी दी। पुलिसकर्मी शाम करीब 5.20 बजे तक तहसीलदार का इंतजार करते रहे। उनके नहीं आने पर तिजोरियों को मैथोडिस्ट संस्था के एवनजे डिवाइन के सुपुर्द किया गया।
इसके साथ ही संस्था के पदाधिकारियों को ताकीद भी दी गई कि तिजोरियां प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी के बिना नहीं खोली जाएं। मैथोडिस्ट संस्था के एवनजे डिवाइन ने बताया कि बंगला काफी पुराना और जर्जर हो गया है। वे करीब 50 साल से तिजोरी को देख रहे हैं, इसे कभी भी खोला नहीं गया है।
हालांकि, दोनों तिजोरियों के अंदर क्या है यह अभी तक राज बना हुआ है, जो खुलने के बाद ही सामने आएगा। लाल डाक बंगले से मिलीं तिजोरियों को फिशर बायस हायर सेकेंडरी स्कूल में रखवाया गया है। साथ ही पुलिस ने संस्था के जे डिवाइन निवासी सेंट्रल मैथोडिस्ट चर्च को नोटिस जारी की है। नोटिस में उल्लेख किया गया है कि दोनों तिजोरियां संस्था की निजी संपत्ति होने के कारण सौंपी गई हैं। यह तिजोरियां प्रशासन की उपस्थिति मं ही खोली जाएंगी।