हवाई यातायात में केवल अमीर वर्ग ही सफर कर सकता है ये अब गुजरे जमाने की बात हो चुकी है। बीते कुछ सालों से भारतीयों में हवाई सफर करने का क्रेज बढ़ा है। लेकिन देश में अभी भी कई ऐसे एयरपोर्ट्स हैं जहां से कोई भी फ्लाइट नहीं मिलती।
जी हां, इन एयरपोर्ट्स से किसी भी फ्लाइट का संचालन नहीं होता है, इस तरह के निष्क्रिय एयरपोर्ट को 'घोस्ट एयरपोर्ट' भी कहा जाता है। इस बीच ये सवाल खड़े होने लगे हैं कि ऐसे एयरपोर्ट्स पर ग्राउंड स्टाफ के कर्मचारी करते क्या हैं।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इस साल 2.5 करोड़ रुपए ऐसे 27 एयरपोर्ट के रख-रखाव पर खर्च किया है, जहां से न तो कई फ्लाइट उड़ान भरती है और न ही लैंड करती है।
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने लोकसभा में लिखित जवाब में कहा कि एयरस्ट्रिप और एयरपोर्ट को शुरू करना मांग पर आधारति होता है। यह एयरलाइन ऑपरेटरों और राज्य सरकारों द्वारा दी जाने वाली विभिन्न रियायतों पर भी निर्भर करता है।
उन्होंने आंकड़ों के जरिए इस बात की भी जानकारी दी कि देशभर में ऐसे 27 एयरपोर्ट्स ऐसे हैं जहां से कोई भी फ्लाइट ऑपरेशनल नहीं है। वहीं एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को इसके रखरखाव के लिए इस वित्तीय वर्ष करीब 2.61 करोड़ रुपये खर्च खर्च हुए हैं।
सिन्हा ने बताया कि मंत्रालय ने अक्टूबर- 2016 में रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम और उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) शुरू की है। इनका मकसद छोटे शहरों को भी एयर कनेक्टिविटी से जोड़ना है।
बीकानेर का नाल सिविल एयरपोर्ट भी देश के उन चुनिंदा एयरपोर्ट्स में से एक है जहां महीनों से कोई पैसेंजर नहीं आया है। हालांकि कुछ समय पहले ही जयंत सिन्हा ने कहा था कि देश में कनेक्टिविटी के क्षेत्र में लगातार क्रांति हो रही है, एविएशन क्षेत्र में ये साफ नजर आ रहा है।