कहते हैं कि कोई भी इंसान सफल तभी होता है, जब वो कुछ अलग करता है, कुछ नया करता है। 25 साल के रितेश अग्रवाल भी उन्हीं लोगों में शुमार हैं, जिन्होंने कुछ नया किया और एक सफल बिजनेसमैन बन गए। एक समय था जब रितेश सड़कों पर मोबाइल के सिम बेचा करते थे, लेकिन आज उनके पास 2600 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
ओडिशा के एक छोटे से कस्बे विषम कटक के रहने वाले रितेश ने भी शायद ही ये सोचा होगा कि वो कभी अरबपति बनेंगे। रितेश की सफलता की कहानी काफी दिलचस्प है। हैरानी की बात तो ये है कि रितेश के पास कोई भी बड़ी डिग्री नहीं है। उन्होंने बस स्कूली शिक्षा पूरी की है। हालांकि कॉलेज में एडमिशन लिया था, लेकिन उसे बीच में ही छोड़ दिया।
16 नवंबर, 1993 को जन्मे रितेश अग्रवाल ने महज 19 साल की उम्र में एक कंपनी खोली, जिसका नाम ओयो रूम्स है। यह कंपनी आज देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी सेवाएं दे रही है। उनकी कंपनी बहुत तेजी से बढ़ रही है। रितेश दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स बिल गेट्स और ओला कैब्स के सह-संस्थापक 32 वर्षीय भाविश अग्रवाल को अपना प्रेरणास्रोत बताते हैं।
रितेश बताते हैं कि टीवी के रिमोट पर अपना कंट्रोल रखने की इच्छा की वजह से उन्होंने कंपनी की शुरुआत की। उस समय यह संभव नहीं था, जब वह बच्चे थे और रिश्तेदारों के साथ रहते थे। एक इंटरव्यू में रितेश ने बताया था कि रिश्तेदारों के घर टीवी के रिमोट पर मेरा कंट्रोल नहीं होता था। इसी वजह से मैंने ओयो रूम्स की शुरुआत करने की सोची, क्योंकि रिश्तेदार डेली सोप देखना चाहते थे और मैं कार्टून नेटवर्क देखना चाहता था।
रितेश ने साल 2013 में अपनी कंपनी की शुरुआत की थी। जब उनकी कंपनी बड़ी हो गई, तब वे एक मात्र कॉलेज ड्रॉपआउट थे, जो आईआईएम के 10-12 लोग और आईआईटी, हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के करीब 200 लोगों की टीम को लीड कर रहे थे। आज उनकी कंपनी में हजारों कर्मचारी काम करते हैं।