अगर आपसे कोई कहे कि आपको रेलवे स्टेशन पर लाइट ऑन-ऑफ का काम करना होगा, तो पहले तो आप दस बार सोचेंगे कि करें या ना करें। लेकिन अगर इसके लिए अगर आपको 1 लाख 62 हजार रुपये महीना सैलरी मिले तो यकीनन आप चौंक जाएंगे। आपको इसपर विश्वास नहीं होगा, लेकिन ये बिल्कुल सच है।
रेलवे स्टेशन पर कर्मचारी का बस इतना काम होगा कि उसे हर दिन प्लेटफॉर्म पर मौजूद फ्लोरेसेंट लाइट को जलाना होगा और ड्यूटी अवधि खत्म होने पर फिर उसे बुझा देना है। खास बात ये है कि ड्यूटी के दौरान कर्मचारी का वहां रहना भी जरूरी नहीं है, वो दिनभर कहीं भी घूमने के लिए आजाद है। इस काम के लिए कर्मचारी को हर महीने 2280 डॉलर यानी करीब 1.62 लाख रुपये दिए जाएंगे। यह नौकरी स्थाई होगी और सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन भी मिलेगी।
इस काम के लिए उम्मीदवार के पास किसी भी खास योग्यता का होना जरूरी नहीं है। इसके लिए दुनियाभर के लोगों को आवेदन करने की छूट दी जाएगी। साल 2025 में इस काम के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी और सफल उम्मीदवार की नियुक्ति साल 2026 से होगी, क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि तब तक यह रेलवे स्टेशन बन जाएगा और यहां ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा।
यह रेलवे स्टेशन स्वीडन के गोथेनबर्ग में बनाया जाएगा, जिसका नाम न्यू कोर्सवागेन ट्रेन स्टेशन है। स्वीडन की सरकार ने गोथेनबर्ग में दो नए स्टेशनों के डिजाइन के लिए एक प्रतियोगिता कराई थी, जिसे साइमन गोल्डिन और जैकब सेनेबी नाम के दो कलाकारों ने जीता था। सरकार से उन्हें करीब 4.50 करोड़ रुपये बतौर पुरस्कार मिले थे।
साइमन गोल्डिन और जैकब सेनेबी ने ही स्टेशन पर इस तरह के कर्मचारी के लिए वैकेंसी निकाली है। वो पुरस्कार राशि से ही कर्मचारी को वेतन देंगे। उनका कहना है कि वो पुरस्कार में मिले धन को ऐसी योजना में निवेश करेंगे, जिससे मिलने वाले रिटर्न से कर्मचारी के वेतन का प्रबंधन करेंगे। निवेश से जो रिटर्न मिलेगा, वह 120 सालों तक वेतन के लिए काफी होगा।