आज तक आपने कई तरह की प्रदर्शनी देखी होंगी लेकिन इस समय बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में लगी नई और अनोखी प्रदर्शनी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। इस प्रदर्शनी में दुष्कर्म के शिकार पीड़ितों की कहानियों को दिखाया गया है।
इस खास तरह की प्रदर्शनी का मकसद दुष्कर्म पीड़ितों को शर्मसार होने से रोकना और दुष्कर्म के प्रति लोगों को जागरुक करना है। इसमें कहा गया है कि दुष्कर्म पीड़ितों से पहला सवाल यही किया जाता है कि वारदात के दौरान (व्हाट वर यू वेयरिंग) तुमने क्या पहना था। इस प्रदर्शनी में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि कपड़ों का दुष्कर्म पीड़िता से कोई लेना-देना नहीं है।
यह कभी भी, कहीं भी और किसी के भी साथ हो सकता है। इसकी बजाय दुष्कर्म करने वालों की मानसिकता जिम्मेदार है और उन्हें ही इसके लिए दोषी मानना चाहिए। कंसास यूनिवर्सिटी में छात्रों द्वारा बनाई गई एक परियोजना से प्रेरित होकर इस प्रदर्शनी में उन कपड़ों को दिखाया गया है, जिसे दुष्कर्म के दौरान पीड़िताओं ने पहना था।
बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में रोकथाम सेवाओं में एक कार्यकर्ता डेलफीन गॉसेन्स ने कंसास की छात्राओं की कहानी को सुना। उन्होंने इसका डच और फ्रेंच भाषा में अनुवाद किया और प्रदर्शनी के लिए अपने और साथी कर्मचारियों के कपड़ों को लेकर 'व्हाट वर यू वेयरिंग' नाम की प्रदर्शनी में दिखाए गए कपड़ों की नकल पेश की।
पिछले सितंबर में इस प्रदर्शनी के बारे में पढ़ने के बाद कंसास में लगी प्रदर्शनी को री-क्रिएट करने के लिए गोसेन्स ने प्रदर्शनी के मूल रचनाकारों से अनुमति ली। उन्होंने मोलेनबीक मैरीटाइम कम्युनिटी सेंटर में प्रदर्शनी लगाई, जहां वह काम करती हैं। उन्हें उम्मीद है कि यह प्रदर्शनी पूरे यूरोप में फैल जाएगी। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कोई स्कूल या कॉलेज इस प्रदर्शनी को लगा सकता है, यह आसान है।
कमरे के चारों ओर पैनलों पर कई पोशाकें लगाई गईं थीं। इनमें पजामा, एक बाथिंग सूट, एक बच्चे की स्कूल की ड्रेस और पुलिस की वर्दी शामिल हैं। एक दीवार पर तीन कपड़े लगे हुए थे। यह उस महिला की कहानी को समर्पित थी, जिसके साथ तीन बार दुष्कर्म किया गया था। वहीं, एक अन्य दीवार पर सिर्फ एक पोशाक लगी थी, जो यह बता रही थी कि महिला ने तीन बार उस कपड़े को पहना और तीनों बार उसके साथ दुष्कर्म हुआ।
इस अनोखी प्रदर्शनी को देखने के लिए आईं लिसबेट वर्बोवेन ने कहा कि उनका अनुभव एक भावनात्मक था। उसके एक दोस्त के साथ मारपीट की गई और पुलिस का उसके साथ खराब अनुभव था। पुलिस ने उसकी दोस्त के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में उसके फैसले और स्थान को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि इन कपड़ों को देखने के बाद बड़ा प्रभाव होता है कि यह किसी के भी साथ, कहीं भी और कभी भी हो सकता है। मुझे आशा है कि यह प्रदर्शनी लोगों की मानसिकता को बदल सकती है, जो हिंसा और बलात्कार के मामले में पीड़ितों को ही दोषी ठहराते हैं।
इस खास प्रदर्शनी के साथ लगाई गई जानकारी में लिखा गया है कि 56 प्रतिशत बेल्जियम के लोग कम से कम एक व्यक्ति को जानते हैं, जो कभी न कभी यौन हिंसा का शिकार हो चुका है। इसके अलावा हर चार में से एक महिला सार्वजनिक स्थानों पर शारीरिक उत्पीड़न का अनुभव करती है।