परंपरा के नाम पर आज भी समाज में कई तरह की कुरीतियां फैली हुई हैं। माहवारी की इस अजीब परंपरा से अंधविश्वास के चलते नेपाल में एक महिला की मौत की घटना सामने आई है। महिला को माहवारी के दौरान अपवित्र मान कर घर से दूर रहने के लिए बाध्य किया गया था।
माहवारी की वजह से बिना खिड़की वाली झोपड़ी में रह रही 21 साल की एक नेपाली महिला की दम घुटने से मौत हो गई। नेपाल में माहवारी के दौरान महिला को 'अछूत' मानते हुए अलग-थलग रहने की इस प्रथा पर वैसे तो रोक लगा दी गई है। फिर भी कई समुदायों में अब भी माहवारी के दौरान महिला को अपवित्र मानकर उसे इस अवधि में पारिवारिक आवास से दूर रहने के लिए बाध्य किया जाता है।
नेपाल के दॉती जिले में माहवारी के दौरान घर से अलग झोंपड़ी में रह रही 21 वर्षीय महिला पार्वती बोगाती की दम घुटने से मौत हो गई। दूरस्थ धोती जिले में बीते 31 जनवरी को पार्वती बोगाती नाम की महिला अलग-थलग एक झोपड़ी में अकेले सो रही थी। झोपड़ी को गर्म रखने के लिए उसने आग जला रखी थी। काठमांडू पोस्ट की खबर में बताया गया है कि अगले दिन सुबह पार्वती के देर तक न उठने पर उसकी सास लक्ष्मी बोगती झोपड़ी में गई जहां वह मृत पड़ी मिली।
नेपाल में माहवारी के दौरान महिलाओं को प्रथा के तहत महीने में एक बार घर से अलग रहना होता है। हालांकि 2005 में नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया था। 2017 में नया कानून बनाकर ऐसा करना अपराध घोषित कर दिया गया है, लेकिन फिर भी उसके बाद नेपाल के कई हिस्सों में यह प्रथा जारी है।
लक्ष्मी ने बताया, 'वह (पार्वती) खुश थी क्योंकि अगले दिन उसका माहवारी चक्र समाप्त हो जाता। लेकिन उससे पहले ही वह चल बसी।' उसने कहा कि पार्वती उस दिन अलग थलग पड़ी झोपड़ी में गई क्योंकि अक्सर माहवारी के दौरान वह जिस झोपड़ी में जाती थी, वहां तीन अन्य रजस्वला महिलाएं भी थीं।
ग्रामीण नगरपालिका अध्यक्ष दीर्घा बोगती ने बताया कि पार्वती की मौत दम घुटने की वजह से हुई। उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया है। इस साल जनवरी में 35 वर्षीय एक महिला और उसके दो बेटों की इसी तरह की बिना खिड़की वाली झोपड़ी में दम घुटने से मौत हो गई थी। यह महिला भी माहवारी की वजह से ही झोपड़ी में रह रही थी। 2018 में भी इसी तरह 23 साल की एक महिला की जान गई थी।