आज का वायरल दोहा-
रहिमन जूता राखिए, पॉलिश से चमकाय।
न जाने किस बैठक में, लेन-देन हुई जाए।।
यूपी के संत कबीर नगर में जिला कार्य योजना समिति की बैठक में जो कुछ हुआ वह सब बवाल-ए-सियासत बन गया। वीडियो क्या वायरल हुआ लोगों ने सोशल मीडिया पर मजे लेने शुरू कर दिए। मेरा 'बूट' (बूथ) सबसे मजबूत, जूता स्ट्राइक और तो और शाम को लोग जूता फीते वाला नहीं बगैर फीते वाला मार्केट में खोजते नजर आए। जूते की गुणवत्ता चेक करने के लिए संभवता नेता जी से संपर्क किया जा सकता है।
भाजपा MP-MLA की लड़ाई को लेकर ट्विटर पर हैशटैग मेरा बूट सबसे मजबूत (#MeraBootSabseMazboot) और 'भारतीय जूता पार्टी' काफी ट्रेंड कर रहा है। बीजेपी खेमे में हुई उठापटक पर लोगों ने तंज कसना शुरू कर दिया है। शिलापट्ट पर नाम न लिखने को लेकर शुरू हुआ बवाल इतना ज्यादा बढ़ गया कि आपस में ही जूते चलाने की बारी आ गई।
भाजपा सांसद शरद त्रिपाठी और बीजेपी विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर क्या वायरल हुआ लोगों ने इस पर मजे लेने शुरू कर दिए। उधर बउवा कह रहा है ये तो लट्ठमार होली का रिहर्सल था, कोई फीते वाले जूते और बगैर फीते वाले जूते के उपयोग गिना रहा है तो कोई कह रहा मेरा 'बूट' (बूथ) सबसे मजबूत कैंपेन का हिस्सा है ये वायरल क्लिप। तरह-तरह के दोहे 'मेरा जूता है हिंदुस्तानी- जब सिर पर पड़ता है तो सबको होती है हैरानी।' सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
सोशल मीडिया पर चर्चा है कि सासंद जी ने जिस तरह से तड़ातड़ विधायक जी के ऊपर जूते बरसा दिए उससे लग रहा है कि कोई भी जूता कंपनी इन्हें अपना ब्रैंड एम्बेसडर बनाने के लिए ऑफर दे सकती है। बउवा तो ये भी कह रहा है कि ये जूता स्ट्राइक ऐसी है कि इसमें किसी को कोई सबूत देने की जरूरत नहीं है। सबकुछ बिल्कुल खुला-खुला सा सबके सामने है जिससे समझने में भी कोई दिक्कत नहीं होगी।
हालांकि, सांसद-विधायक की इस वायरल जूतमपैजार के बाद आलाकमान काफी सदमे में बताया जा रहा है। वैसे लोकसभा चुनाव के इस गरमागरम माहौल में 'नामुमकिन अब मुमकिन है' स्लोगन वाली तख्ती नेता जी के हाथ में जूते वाली तस्वीर के साथ काफी वायरल हो रही हैं। लोग अपने घरों पर जूतों की चेकिंग करते नजर आ रहे हैं, जिसकी तस्वीरें शायद किसी सेटेलाइट में कैद हो जाएं और बाद में जारी की जाएं।
वैसे राजनीतिक गणित जरा समझ लीजिए कि नेता जी की इस जूता स्ट्राइक का मतलब क्या है। राजनीतिक तहखाने से खबर आ रही है कि ये सब जानबूझकर किया गया है। अब आप जरा थोड़ा यूपी की संतकबीर नगर की लोकसभा सीट का गणित समझिए। दरअसल, सपा-बसपा गठबंधन के बाद से ये सीट मायावती के खाते में गई है। 2019 लोकसभा चुनाव में शरद त्रिपाठी को यहां से टिकट मिलने पर संशय बरकरार है।
साथ ही कुछ दिन पहले ही संतकबीर नगर लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली मेंहदावल विधानसभा सीट से विधायक राकेश सिंह बघेल का एक कथित ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो ब्राह्मण को विटामिन बी बता रहे थे। राकेश सिंह सीएम योगी आदित्यनाथ के करीबी भी बताए जाते हैं। आपको याद दिला दें कि पीएम मोदी जब पिछले साल कबीरदास परिनिर्वाण स्थल मगहर गए थे तब सांसद शरद त्रिपाठी ने जनसभा में अपने संसदीय क्षेत्र के तीनों विधायकों को मंच पर कोई जगह नहीं दी थी।