आमतौर पर जब इंसानों को जब भूख लगती है तो वो अनाज, फल, मांस, तरल पदार्थ खाता है, लेकिन मध्य प्रदेश में एक ऐसा शख्स है जो अपनी भूख मिटाने के लिए अन्न नहीं बल्कि कांच खाता है। हैरान मत होइए, ये हकीकत है।
अगर हम आपसे कहें कि मध्यप्रदेश के रहने वाले दयाराम कांच खाते हैं तो आप यकीन नहीं करेंगे। आप सोचेंगे कि जो कांच जरा सी चुभ जाए तो मारे दर्द के इंसान की जान निकल जाती है, तो भला कोई इंसान कैसे कांच खा सकता है।
कांच खाने वाला यह आदमी मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले के शाहपुरा का रहना वाला है। भई आदमी पेशे से वकील है। वकील साहब का कहना है कि 'मैं 40-45 सालों से कांच खा रहा हूं। यह मेरे लिए एक लत है। इस आदत से मेरे दांतों को नुकसान हुआ है। मैं दूसरों को यह सुझाव नहीं देना चाहूंगा कि यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है. मैंने अब इसे खाना कम कर दिया है।
दयाराम के मुताबिक उन्हें कांच खाने की आदत उस वक्त लग गई थी जो वो महज 14-15 साल के थे। पहले वो दिन भर में एक किलो कांच चबा जाते थे जिसकी वजह से उनके दांत भी कमजोर हो गए. उनकी पत्नी भी शुरुआत में यह आदत देखकर चौंक गई थीं।