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जो भाजपा को लगता है वही ‘Google’ को भी लगता है। आप जरूर सोच रहे होंगे कि हम यह क्या कह रहे हैं। तो जनाब, जरा सब्र करिए। हर राज से पर्दा उठाया जाएगा।
JNU का नाम तो सुना ही होगा? अरे हाँ, वही जवाहर लाल युनिवर्सिटी, जिसको मीडिया और कन्हैया कुमार ने फेमस कर रखा है। तथाकथित तौर पर देशद्रोह, देशविरोधी, बुद्धिजीवियों का अड्डा।
अब विवाद इतना बड़ा है, तो इसके परिणाम छोटे कैसे हो सकते हैं। रोहित वेमुला की आत्महत्या और अफजल गुरू की फांसी की आग से भड़के इन शोलों का असर कुछ ऐसा है कि बड़े-बड़े लोग यहां जाते हैं।
JNU छात्रसंघ के नेता कन्हैया कुमार गिरफ्तार भी हुए। उन पर ‘देशद्रोही’ और ‘राष्ट्रविरोधी’ होने के आरोप भी लगा। इसके बाद उनके साथ उमर खालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य की गिरफ्तारी के बाद केंद्र सरकार के खिलाफ गुस्सा टूट पड़ा। इस गिरफ्तारी में ‘देशद्रोह’ और ‘राष्ट्रद्रोह’ का आरोप लगा था। हालांकि कोर्ट के आदेश के बाद सबूत के अभाव में दिल्ली पुलिस ने उनको छोड़ दिया, मगर जो भाजपा को लगता है, वो ‘Google’ को भी लगता है।
एक बार जरा ‘Google Maps’ पर ‘Antinational’ टाइप करके देखिए। नतीजा यह आएगा...
जी हाँ, गूगल मैप्स JNU को देशद्रोही और राष्ट्रविरोधी मानता है। इसके अलावा JNU के मुख्य द्वार की तस्वीर भी गूगल आपको दिखाता है।
इसका मतलब यह है कि जो भाजपा की मोदी सरकार को लगता है, Google उस बात से सहमत है।
इसके पीछे का भेद जानते हैं? नहीं तो वो भी हम बताते हैं। दरअसल पिछले कई हफ्तों से इंटरनेट पर ‘JNU’, ‘Antinational’ और ‘Sediton’ को एक साथ ‘keywords’ के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके कारण गूगल ने दोनो को एक साथ जोड़ दिया है। यही कारण है कि पिछले साल तक मोदी जी ‘Most Wanted Terrorists’ की सूची में नजर आ रहे थे।