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Government Is To Cut 3000 Trees Of Aarey For Development
पर्यावरण को बचाने के लिए जो दम भर रहे थे भारी, वही पेड़ों को काटने के लिए अब ले आए आरी
टीम फिरकी, नई दिल्ली
Published by: Ayush Jha
Updated Sat, 05 Oct 2019 04:11 PM IST
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प्रतिकात्मक तस्वीर
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
पर्यावरण पर किस तरह खतरा मंडरा रहा है यह आपको बताने या जताने की जरूरत नहीं है। तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है, ध्रुवों पर बर्फ पिघल रही है, बाढ़ बारिश के मौसम में अपने पैर पसार रही है और इंसान हमेशा की तरह प्रकृति की कुर्बानी देकर खुद के लिए जगह बना रहा है। हमारे प्रधनामंत्री Narendra Modi जी को तो कई खिताब भी मिल चुके हैं पर्यावरण की सेवा करने के लिए यहां तक कि Man Vs Wild में भी उन्होंने खुद को नेचर लवर तक बता दिया था लेकिन उन्हीं के नेता अब कह रहे हैं कि आरे के पेड़ सिर्फ इसलिए काटे जा रहे हैं क्योंकि वो जंगल का हिस्सा नहीं हैं।
In the cover of darkness the axe falls on our trees . RIP #AareyForest ... we failed you . My heart breaks to know that by morning many proud erect trees will have fallen to human greed . pic.twitter.com/VJdnRl7o6c
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पर्यावरण मंत्री Prakash Javdekar आरे जंगलों में कटाई को लेकर कहा कि Bombay High Court ने कहा है कि यह जंगल नहीं है। जब दिल्ली में पहले मेट्रो स्टेशन का निर्माण किया जा रहा था, तो उस दौरान भी 20-25 पेड़ काटे जाने थे। तब भी लोगों ने विरोध किया था, लेकिन प्रत्येक पेड़ को काटने के बदले, पांच पेड़ लगाए गए थे।
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बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद, पेड़ों की कटाई के खिलाफ आरे जंगलों में कल रात विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। दूसरी लोगों ने कहा कि जिन 2600 से अधिक पेड़ों को काटा जाना है, उनमें से 800 पेड़ अब तक काटे गये हैं। जावड़ेकर जी को कोई जाकर ये बताए कि पेड़ पेड़ ही होता है वो चाहे जंगल का हो या फिर रेगिस्तान का हो। लेकिन उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों को शायद इस बारे में पता नहीं तभी इस तरह के बेतुके बयान दे रहे हैं।
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