Home Social Makar Sankranti In Different States Of India

विविधता में एकता का प्रतीक है मकर संक्रांति का त्योहार, हर राज्य में मनाने का तरीका है कुछ खास

Updated Fri, 15 Jan 2016 06:42 PM IST
विज्ञापन
cover-makar-sankranti
cover-makar-sankranti
विज्ञापन

विस्तार

मकर संक्रांति का त्योहार हिन्दू धर्म में काफी महत्व रखता है। माघ महीने में मनाया जाना वाले इस त्योहार में मुख्यत: सूर्य की अराधना की जाती है। माना जाता है कि इस समय में सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। साथ ही सूर्य दक्षिण दिशा से उत्तर की ओर अग्रसर होते हैं। इसका मेल मौसम से भी है। इस दिन को सर्दियों के अंत के रूप में भी देखा जाता है। माना जाता है कि इस दिन के बाद से ही दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। खेती से जुड़े मकर संक्रांति में तिल और गुड़ का महत्व सबसे ज्यादा है। देखते हैं भारत के अलग-अलग राज्यों में और नेपाल में कैसे मनाई जाती है मकर संक्रांति:

1. नेपाल1-nepal

नेपाली के विक्रम संवत कैलेंडर के अनुसार माघ माह के पहले दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है। पौष के महीने में सभी धार्मिक समारोह वर्जित माने जाते हैं। इस दिन सूर्य की दिशा बदलती है और लोग धार्मिक स्नान लेने के लिए कई नदियों के किनारे जाते हैं। मिठाई के साथ शकरकंदी भी बांटी जाती है। नेपाल के व्यवसायी इस दिन शीशम का दान भी करते हैं।

2. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना2-andhra-pradesh

इन जगहों पर यह त्योहार चार दिन तक चलता है। इस दौरान यज्ञ का आयोजन किया जाता है जिसे शुद्धिकरण और बदलाव का प्रतीक माना जाता है। साथ ही इस दौरान छोटे बच्चों को बुराई से बचाने के लिए भी पूजा की जाती है। इसके अलावा पूर्वजों की याद में भी पूजा-अर्चना की जाती है। मिठाई, कपड़े, पैसे आदि बांटे जाते हैं।

3. बिहार और झारखंड3-bihar

इस दिन तिल और गुड़ की बर्फी बनाई जाती है। इसके अलावा खिचड़ी भी बनाई जाती है। साथ ही लोग नदियों के किनारे स्नान के लिए जाते हैं। यहां पर प्रमुख रूप से खाने की चीजों का महत्व है। इस दिन दही-चुड़ा, लिट्टी चोखा आदि भी बनाया जाता है।

4. दिल्ली और हरियाणा4-delhi

दिल्ली और हरियाणा के यादव, जाट और अन्य ग्रामीण संप्रदाय मकर संक्रांति का त्योहार मनाते हैं। जाट और यादव परिवारों में घी चूरमा, हलवा और खीर बनाया जाता है। इस दिन भाई अपने बहन के ससुराल जाकर उसे उपहार देता है। लोक गीत भी गाए जाते हैं।

5. गोवा5-goa

गोवा में आयोजन महाराष्ट्र की तरह ही होता है। इस दिन महिलाएं ‘हल्दी-कुमकुम’ मनाती हैं।

6. गुजरात6-gujrat

गुजरात में इसे ‘उत्तरायन’ के नाम से मनाया जाता है। यह त्योहार दो दिन चलता है। 14 तारीख को उत्तरायन और 15 तारीख को ‘बासी उत्तरायन’ मनाया जाता है। साथ ही इस दिन पतंग भी उड़ाई जाती है। इस दिन उंधियू, तिल चिक्की और लड्डू बनाए जाते हैं।

7. हिमाचल प्रदेश7-himachal

हिमाचल में इसे माघ साजी कहा जाता है। पहाड़ी लोग नए महीने की शुरूआत को साजी कहते हैं। कहा जाता है कि इसी दिन से पक्षी पहाड़ों पर लौटने लगते हैं। इस दिन लोग सुबह ही नहा-धोकर जलार्पण करते हैं। इस दिन लोग लोक नृत्य और संगीत के साथ खिचड़ी-छाछ का भी आनंद लेते हैं।

8. कर्नाटक8-karnataka

कर्नाटक में इस सुग्गी कहा जाता है। इस दिन लड़कियां नए कपड़े पहन कर रिश्तेदारों के घर जाती हैं। कर्नाटक में भी तिल-गुड़ के पकवान बनाए जाते हैं। यह त्योहार फसल कटाई के लिए मानाया जाता है। यहां गन्ने, लाल बेर, हल्दी, कुमकुम का महत्व इस दिन काफी ज्यादा होता है। इस दिन गायों को सजाने की भी परंपरा है।

9. केरल9-kerala

केरल में भी मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। केरल में इसे सबरीमाला में मनाया जाता है, जहां मकर ज्योति की अराधना की जाती है।

10. उत्तराखंड (कुमाऊं)10-uttrakhand

उत्तराखंड के कुमाऊं में मकर संक्रांति काफी उल्लास के साथ मनाया जाती है। कुमावनी में इसे घुघुटी कहा जाता है। इस दिन की मान्यता यह है कि मौसम परिवर्तन प्रारंभ होने पर पक्षी पहाड़ की ओर लौटने लगते हैं। इस त्यौहार को ‘घुघुटिया’ या ‘काले कौवा’ भी कहा जाता है। इस दिन मीठे पकौड़े बनाए जाते हैं। इसका हार बना कर कौवों को परोसा जाता है।

11. महाराष्ट्र11-maharashtra

महाराष्ट्र में इस दिन रंगीन हलवे के साथ तिल-गुड़ के लड्डू बनाए और बांटे जाते हैं। इसके अलावा पूरण पोली भी बनाई जाती है। इस दिन शुभेच्छा का आदान-प्रदान भी किया जाता है। महाराष्ट्र की तरह ही आंध्र प्रदेश और गोवा में मकर संक्रांति मनाई जाती है।

12. ओडिशा12-odisha

ओडिसा के लोग मकर चौला यानि अधपके चावल, केले, नारियल, गुड़, तिल, रसगुल्ला और छेने की मिठाई बनाते हैं। इस दिन कोनार्क के सूर्य के मंदिर में बहुत बड़ी पूजा होती है। इस दिन कई इलाकों में मेलों का भी आयोजन भी किया जाता है। ओडिशा के कुछ आदिवासी समुदाय नृत्य, भोजन, संगीत और आग जला कर अपना हर्ष दर्शाते है।

13. पंजाब13-punjab

पंजाब में मकर संक्रांति को माघी कहा जाता है। इस दिन की शुरूआत नदियों में स्नान के साथ की जाती है। तिल के तेल के दिए जला कर सूर्य आराधना की जाती है। पंजाब में इस दिन भांगड़ा और गिद्दा नृत्य किया जाता है। इस खीर और खिचड़ी बनाई जाती है। माघी की रात को ‘लोहड़ी’ के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन से रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं।

14. राजस्थान14-rajasthan

मारवाड़ी भाषा में ‘मकर संक्रांत’ या ‘संक्रांत’ के नाम से जाने जाना वाला यह त्योहार काफी बड़ा त्योहार है। इस दिन खास पकवान भी बनाए जाते हैं। इसमें फीनी, तिल पापड़ी, गजक, घेवर, खीर, वड़ा, पकोड़ी और तिल-लड्डू खास है। इस दिन घर के बेटियों को सपरिवार भोजन के लिए आमंत्रित किया जाता है। इसके अलावा जरूरतमंदो की मदद की जाती है। इसके अलावा कई इलाकों में खूब पतंगबाजी भी की जाती है।

15. तमिल नाडु15-tamil-nadu

तमिल नाडु में इसे पोंगल के नाम से जाना जाता है। इसे त्योहार को भरपूर रंग के साथ उल्लास के साथ मनाया जाता है। चार दिनों तक रंगोत्सव मनाया जाता है। इस दौरान पुरान कपड़े फेंक कर नए कपड़े आते हैं। इससे बुराई और पुरानापन बाहर जाता है। साथ ही चावल, दूध और गुड़ से पोंगल बनाया जाता है। इस दौरान केवल नई फसल का प्रयोग किया जाता है। लोग आपस में वड़ाई, मुरुक्कु, पयास्सम, आदि बांटते हैं। इसके अलावा पशुओं की भी पूजा की जाती है, उन्हें सजाया जाता है। इसके अलावा कई प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। साथ लोग रिश्तेदारों और करीबियों से मिलने जाते हैं।

16. उत्तर प्रदेश16-uttar-pradesh

इस समय उत्तर प्रदेश में बड़े दिनों का स्वागत किया जाता है। इस दौरान करीब 20 लाख लोग वाराणसी और इलाहबाद जैसे स्थानों पर जाकर पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। स्नान से पहले तक उपवास रखा जाता है। स्नान के पश्चात् तिल लड्डू और गुड़ के लड्डू बनाए जाते हैं। साथ ही नए कपड़े भी खरीदे जाते हैं। इसके अलावा बनारस की छतों से पतंगें उड़ती भी देखी जाती हैं।

17. पश्चिम बंगाल17-west-bengal

पश्चिम बंगाल में संक्रांति को पौष संक्रांति भी कहा जाता है। इस दौरान चावल और गन्ने की फसल काटी जाती है। समाज के सभी लोग इस त्रिदिवसीय त्योहार में भाग लेते हैं। इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती है। दार्जीलिंग की वादियों में भगवान शिव की अराधना की जाती है। इसके अलावा प्रसाद में आलु और उससे व्यंजन बनाए जाते हैं। इसके अलावा हजारों-लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान करते हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree