विस्तार
मकर संक्रांति का त्योहार हिन्दू धर्म में काफी महत्व रखता है। माघ महीने में मनाया जाना वाले इस त्योहार में मुख्यत: सूर्य की अराधना की जाती है। माना जाता है कि इस समय में सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। साथ ही सूर्य दक्षिण दिशा से उत्तर की ओर अग्रसर होते हैं। इसका मेल मौसम से भी है। इस दिन को सर्दियों के अंत के रूप में भी देखा जाता है। माना जाता है कि इस दिन के बाद से ही दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। खेती से जुड़े मकर संक्रांति में तिल और गुड़ का महत्व सबसे ज्यादा है। देखते हैं भारत के अलग-अलग राज्यों में और नेपाल में कैसे मनाई जाती है मकर संक्रांति:
1. नेपाल
नेपाली के विक्रम संवत कैलेंडर के अनुसार माघ माह के पहले दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है। पौष के महीने में सभी धार्मिक समारोह वर्जित माने जाते हैं। इस दिन सूर्य की दिशा बदलती है और लोग धार्मिक स्नान लेने के लिए कई नदियों के किनारे जाते हैं। मिठाई के साथ शकरकंदी भी बांटी जाती है। नेपाल के व्यवसायी इस दिन शीशम का दान भी करते हैं।
2. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना
इन जगहों पर यह त्योहार चार दिन तक चलता है। इस दौरान यज्ञ का आयोजन किया जाता है जिसे शुद्धिकरण और बदलाव का प्रतीक माना जाता है। साथ ही इस दौरान छोटे बच्चों को बुराई से बचाने के लिए भी पूजा की जाती है। इसके अलावा पूर्वजों की याद में भी पूजा-अर्चना की जाती है। मिठाई, कपड़े, पैसे आदि बांटे जाते हैं।
3. बिहार और झारखंड
इस दिन तिल और गुड़ की बर्फी बनाई जाती है। इसके अलावा खिचड़ी भी बनाई जाती है। साथ ही लोग नदियों के किनारे स्नान के लिए जाते हैं। यहां पर प्रमुख रूप से खाने की चीजों का महत्व है। इस दिन दही-चुड़ा, लिट्टी चोखा आदि भी बनाया जाता है।
4. दिल्ली और हरियाणा
दिल्ली और हरियाणा के यादव, जाट और अन्य ग्रामीण संप्रदाय मकर संक्रांति का त्योहार मनाते हैं। जाट और यादव परिवारों में घी चूरमा, हलवा और खीर बनाया जाता है। इस दिन भाई अपने बहन के ससुराल जाकर उसे उपहार देता है। लोक गीत भी गाए जाते हैं।
5. गोवा
गोवा में आयोजन महाराष्ट्र की तरह ही होता है। इस दिन महिलाएं ‘हल्दी-कुमकुम’ मनाती हैं।
6. गुजरात
गुजरात में इसे
‘उत्तरायन’ के नाम से मनाया जाता है। यह त्योहार दो दिन चलता है। 14 तारीख को उत्तरायन और 15 तारीख को
‘बासी उत्तरायन’ मनाया जाता है। साथ ही इस दिन पतंग भी उड़ाई जाती है। इस दिन उंधियू, तिल चिक्की और लड्डू बनाए जाते हैं।
7. हिमाचल प्रदेश
हिमाचल में इसे माघ साजी कहा जाता है। पहाड़ी लोग नए महीने की शुरूआत को साजी कहते हैं। कहा जाता है कि इसी दिन से पक्षी पहाड़ों पर लौटने लगते हैं। इस दिन लोग सुबह ही नहा-धोकर जलार्पण करते हैं। इस दिन लोग लोक नृत्य और संगीत के साथ खिचड़ी-छाछ का भी आनंद लेते हैं।
8. कर्नाटक
कर्नाटक में इस सुग्गी कहा जाता है। इस दिन लड़कियां नए कपड़े पहन कर रिश्तेदारों के घर जाती हैं। कर्नाटक में भी तिल-गुड़ के पकवान बनाए जाते हैं। यह त्योहार फसल कटाई के लिए मानाया जाता है। यहां गन्ने, लाल बेर, हल्दी, कुमकुम का महत्व इस दिन काफी ज्यादा होता है। इस दिन गायों को सजाने की भी परंपरा है।
9. केरल
केरल में भी मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। केरल में इसे सबरीमाला में मनाया जाता है, जहां मकर ज्योति की अराधना की जाती है।
10. उत्तराखंड (कुमाऊं)
उत्तराखंड के कुमाऊं में मकर संक्रांति काफी उल्लास के साथ मनाया जाती है। कुमावनी में इसे घुघुटी कहा जाता है। इस दिन की मान्यता यह है कि मौसम परिवर्तन प्रारंभ होने पर पक्षी पहाड़ की ओर लौटने लगते हैं। इस त्यौहार को
‘घुघुटिया’ या
‘काले कौवा’ भी कहा जाता है। इस दिन मीठे पकौड़े बनाए जाते हैं। इसका हार बना कर कौवों को परोसा जाता है।
11. महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में इस दिन रंगीन हलवे के साथ तिल-गुड़ के लड्डू बनाए और बांटे जाते हैं। इसके अलावा पूरण पोली भी बनाई जाती है। इस दिन शुभेच्छा का आदान-प्रदान भी किया जाता है। महाराष्ट्र की तरह ही आंध्र प्रदेश और गोवा में मकर संक्रांति मनाई जाती है।
12. ओडिशा
ओडिसा के लोग मकर चौला यानि अधपके चावल, केले, नारियल, गुड़, तिल, रसगुल्ला और छेने की मिठाई बनाते हैं। इस दिन कोनार्क के सूर्य के मंदिर में बहुत बड़ी पूजा होती है। इस दिन कई इलाकों में मेलों का भी आयोजन भी किया जाता है। ओडिशा के कुछ आदिवासी समुदाय नृत्य, भोजन, संगीत और आग जला कर अपना हर्ष दर्शाते है।
13. पंजाब
पंजाब में मकर संक्रांति को माघी कहा जाता है। इस दिन की शुरूआत नदियों में स्नान के साथ की जाती है। तिल के तेल के दिए जला कर सूर्य आराधना की जाती है। पंजाब में इस दिन भांगड़ा और गिद्दा नृत्य किया जाता है। इस खीर और खिचड़ी बनाई जाती है। माघी की रात को ‘लोहड़ी’ के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन से रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं।
14. राजस्थान
मारवाड़ी भाषा में ‘मकर संक्रांत’ या ‘संक्रांत’ के नाम से जाने जाना वाला यह त्योहार काफी बड़ा त्योहार है। इस दिन खास पकवान भी बनाए जाते हैं। इसमें फीनी, तिल पापड़ी, गजक, घेवर, खीर, वड़ा, पकोड़ी और तिल-लड्डू खास है।
इस दिन घर के बेटियों को सपरिवार भोजन के लिए आमंत्रित किया जाता है। इसके अलावा जरूरतमंदो की मदद की जाती है। इसके अलावा कई इलाकों में खूब पतंगबाजी भी की जाती है।
15. तमिल नाडु
तमिल नाडु में इसे पोंगल के नाम से जाना जाता है। इसे त्योहार को भरपूर रंग के साथ उल्लास के साथ मनाया जाता है। चार दिनों तक रंगोत्सव मनाया जाता है। इस दौरान पुरान कपड़े फेंक कर नए कपड़े आते हैं। इससे बुराई और पुरानापन बाहर जाता है। साथ ही चावल, दूध और गुड़ से पोंगल बनाया जाता है। इस दौरान केवल नई फसल का प्रयोग किया जाता है। लोग आपस में वड़ाई, मुरुक्कु, पयास्सम, आदि बांटते हैं। इसके अलावा पशुओं की भी पूजा की जाती है, उन्हें सजाया जाता है। इसके अलावा कई प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। साथ लोग रिश्तेदारों और करीबियों से मिलने जाते हैं।
16. उत्तर प्रदेश
इस समय उत्तर प्रदेश में बड़े दिनों का स्वागत किया जाता है। इस दौरान करीब 20 लाख लोग वाराणसी और इलाहबाद जैसे स्थानों पर जाकर पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। स्नान से पहले तक उपवास रखा जाता है। स्नान के पश्चात् तिल लड्डू और गुड़ के लड्डू बनाए जाते हैं। साथ ही नए कपड़े भी खरीदे जाते हैं। इसके अलावा बनारस की छतों से पतंगें उड़ती भी देखी जाती हैं।
17. पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल में संक्रांति को पौष संक्रांति भी कहा जाता है। इस दौरान चावल और गन्ने की फसल काटी जाती है। समाज के सभी लोग इस त्रिदिवसीय त्योहार में भाग लेते हैं। इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
दार्जीलिंग की वादियों में भगवान शिव की अराधना की जाती है। इसके अलावा प्रसाद में आलु और उससे व्यंजन बनाए जाते हैं। इसके अलावा हजारों-लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान करते हैं।