इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक निजी चैनल को दिया इंटरव्यू सुर्खियों में है। उनके इस इंटरव्यू के दौरान सवालों के दिए गए उत्तर लोगोंं के गले के नीचे नहीं उतर रहे हैं। इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने डिजिटल कैमरा और ईमेल में तस्वीर भेजने को लेकर कुछ ऐसा मजेदार जवाब दे दिया है जिससे लोगों का दिमाग घूम गया है। लोग गूगल करके परेशान हो रहे हैं कि आखिर ईमेल में फोटो भेजने की सुविधा कब से शुरू हुई जो पीएम मोदी ने ऐसा जवाब दे दिया। आप भी जानिए आखिर क्या है पूरा मामला।
इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने अपने निजी अनुभव से जुड़े कई नए-नए किस्सों का खुलासा किया है। पीएम मोदी की कुछ बातों को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के वीडियो वायरल हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर यूजर पीएम मोदी के डिजिटल ज्ञान को लेकर ट्रोल कर रहे हैं। इन तथ्यों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी का ज्ञान वायरल हो रहा है।
इंटरव्यू के दौरान जब पीएम मोदी ने बताया पहली बार कब किया डिजिटल कैमरा का उपयोग
शायद देश में, मैंने पहली बार डिजिटल कैमरा का उपयोग किया था। 87 या 88 में शायद, उस समय बहुत कम लोगों के पास ईमेल रहता था। मेरे यहां वीरमगाम तहसील में आडवाणी जी की सभा थी तो मैंने डिजिटल कैमरे पर उनकी फोटो लेकर दिल्ली ट्रांसमिट की, अब दूसरे दिन कलर फोटो छपी तो आडवाणी जी को बड़ा सरप्राइज हुआ कि दिल्ली में मेरी कलर फोटो कैसे छपी है।
प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान के बाद लोगों में जानने की उत्सुकता बढ़ी, कि आखिर भारत में इंटरनेट कब आया और सबसे पहला ईमेल किसने किया था। सबसे पहला उपभोक्ता कैमरा 1995 में आया! वैसे तो पीएम मोदी के ऐसे बयानों पर मजाक ही उड़ाया जा रहा है, लेकिन इस बीच खबरों में प्रोफेसर और स्कॉलर अशोक स्वान की अजीब टिप्पणी भी आई है, उनका कहना है कि- मोदी किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं और उन्हें उचित इलाज की जरूरत है? सियासी सयानों का मानना है कि एक तरफा भाषण और इंटरव्यू ही पीएम मोदी को रास आता है, इसलिए ऐसे ज्ञानप्रद बयानों के बाद यह समझ में आ जाना चाहिए कि- पीएम मोदी क्यों प्रेस कांफ्रेंस से कतराते हैं।
भारत में इंटरनेट साल 1986 में आ गया था, लेकिन उस वक्त इसका ईमेल का इस्तेमाल केवल एजुकेशन रिसर्च नेटवर्क (ERNET) के तौर पर लॉन्च किया गया था। इसका मतलब है उस वक्त भारत में इंटरनेट की पहुंच केवल एजुकेशनल और रिसर्च कम्युनिटीज तक ही सीमित थी।
एक यूजर्स ने लिखा कि Nikon कंपनी ने साल 1987 में पहला डिजिटल कैमरा बेचा था और कमर्शियल ईमेल 1990-95 में शुरू की गई थी। इसके अलावा पूर्व राज्यसभा सांसद शाहिद सिद्दीकी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मोदी ने नाले से गैस बनाने और रडार से बचने वाले बादलों की तरह डिजिटल कैमरा, ईमेल का इजाद किया है। वहीं कांग्रेस नेता दिव्या स्पंदना ने ट्विटर पर लिखा कि सवाल ये है कि अगर 1988 में उनकी ईमेल आईडी थी, जबकि पूरे विश्व में नहीं थी तो उन्हें ईमेल कौन भेजता था।
ईमेल अटैचमेंट से दुनिया में पहली बार कोई तस्वीर साल 1992 में भेजी गई थी। इस ईमेल को रिसर्चर नथैनियल बोरेन्स्टीन ने अपने सहयोगियों द्वारा भेजा था।अमेरिका के 42वें राष्ट्रपति बिल क्लिंटन अपनी अध्यक्षता के दौरान दुनिया का सबसे पहला ईमेल भेजा था। बिल क्लिंटन ने 7 नवंबर, 1998 को अंतरिक्ष यात्री जॉन ग्लेन को ये ऐतिहासिक ई-मेल भेजा था।
ना सिर्फ सोशल मीडिया यूजर्स बल्कि राजनीतिक दल भी इस मुद्दे पर बहस कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के IT सेल की प्रमुख दिव्या स्पंदना ने भी प्रधानमंत्री के इस कथन पर टिप्पणी की है। दिव्या स्पंदना ने लिखा कि क्या आप सोच सकते हैं कि 1988 में नरेंद्र मोदी की ईमेल आईडी क्या थी?
ऐसे में अब न जाने नरेंद्र मोदी ने कैसे 1987-88 वीरमगाम से आडवाणी की तस्वीर को ईमेल से भेजा था, ये तो बस अब वही बता सकते हैं। सोशल मीडिया पर कई आम यूजर्स और बुद्धिजीवी इस मुद्दे पर बहस कर रहे हैं। इकॉनोमिस्ट रूपा सुब्रमण्या ने लिखा कि 1988 में पश्चिमी देशों में भी कुछ ही वैज्ञानिकों के पास ही ईमेल था, लेकिन पीएम मोदी ने 1988 में ही हिंदुस्तान में ईमेल का इस्तेमाल कर लिया था, जबकि बाकी देश के लिए 1995 में इसका इस्तेमाल लागू हुआ था।
इंटरव्यू में पीएम मोदी ने बालाकोट एयर स्ट्राइक पर कहा मैं दिन भर बहुत व्यस्त था। वार मेमोरियल का उद्घाटन था। चुरू में रैली करने गया था। मेरा कार्यक्रम चल रहा था। मैं टीम प्लेयर हूं, जिसको काम एसाइन करता हूं वो करता है। यह काम टीम ने किया था। रात को 9 बजे मैंने रिव्यू किया, फिर रात को 12 बजे रिव्यू किया। हमारे सामने समस्या थी कि उस वक्त मौसम खराब हो गया था। यह बात मैं पहली बार बोल रहा हूं। अचानक एक सुझाव मिला कि डेट बदल दें क्या? मैंने कहा कि इस मौसम में हम रडार से बच सकते हैं। मैंने कहा कि आसामान में बादल हैं और बारिश हो रही है। यह हमारे लिए फायदेमंद हो सकता है।
इस बयान के बाद कांग्रस के पक्ष से जबाव आया...