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यहां व्हॉट्सएप समेत सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले लतीफे हैं, जो आपको ठहाका लगाने के लिए मजबूर कर देंगे। तो फिर देर किस बात की... हो जाइए शुरू...
एक नेताजी से किसी ने पूछा – “ये जनता और आदमी से पहले ‘आम’ शब्द क्यों लगाते हैं, जैसे ‘आम आदमी’, ‘आम जनता’ ?”
नेताजी ने बड़ा ही खूबसूरत जवाब दिया. बोले – “ताकि उसे ‘आम’ की तरह चूसा जा सके और रस निकलने के बाद ‘गुठली’ की तरह फेंका जा सके…”
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फिल्म ‘शोले’ में जया बच्चन पूरी फिल्म में लालटेन जलाती रहती हैं. मतलब ये कि उस गांव में बिजली नहीं है.
तो जरा ये बताओ कि वीरू जिस टंकी पर चढ़कर मरने गया था उसमें पानी क्या ठाकुर चढ़ाता था ?
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तीन कैदियों को फांसी की सजा दी जा रही थी.
जहां फंदा लगाया गया था उसके नीचे गहरा पानी था.
पहले कैदी को लटकाया गया तो फंदा ठीक से न लगा होने के कारण खुल गया और वह पानी में गिरा और तैरकर बाहर निकल गया.
दूसरे को लटकाया तो फिर फंदा खुल गया और वह भी तैरकर बाहर निकल गया.
जब तीसरे की बारी आई तो वह जल्लाद से बोला – “भाई, जरा फंदा ठीक से लगाना … मुझे तैरना नहीं आता !”
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आदमी – क्यों भाई, आजकल कोई कविता नहीं लिख रहे हो, क्या बात है ?
कवि – नहीं भाई, दरअसल जिस लड़की के लिए लिखता था उसकी शादी हो गई.
आदमी – अरे ! फिर तो ‘विरह’ में कविता और भी अच्छी बनेगी न भाई ?
कवि – आप समझ नहीं रहे हैं … दरअसल उस लड़की की शादी मुझसे ही हो गई है !!!