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कहते हैं कि जोड़ियां ऊपर वाला बनाता है लेकिन एक और सच्चाई ये है कि शादी कराने की जिम्मेदारी नीचें वालों यानी कि परिवार वालों की होती है। शादियां कराने के काम को लेकर लोग अपनी इज्जत पर ले लेते हैं, क्योंकि इसी फंक्शन में इंसान अपनी हैसियत का खुल कर प्रदर्शन करता है। समाज का हर वर्ग इस 'दिखावे' वाले बीमारी से परेशान है। अब प्रिंस चार्ल्स और लेडी डायना के छोटे बेटे की शादी की तैयारियां ही देख लें, जमीन से लेकर आसमान तक शादी की तैयारियां देखने को मिल जाएंगी।
हमारे गांवों में होने वाली शादियों के ठाट बाट भी कुछ ऐसे ही होते हैं। यहां शादियों में परिवार के साथ नहीं लोग पूरा कुनबा लेकर पहुंचते हैं। यहां तक की परिवारों को उनके घोड़े और बैलगाड़ियों के साथ बुलाया जाता है ताकि बारात का काफिला बड़ा हो सके। सोशल मीडिया पर देसी बारात का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस बारात का काफिला काफी लंबा रहा। बैलगाड़ी से लेकर घोड़ा गाड़ी, पैदल से लेकर खच्चर तक भारी संख्या में लोग शादी में शामिल हो रहे हैं। सब गाते बजाते, नाचते झूमते जा रहे हैं। वीडियो देखेंगे तो आप समझ पाएंगे कि क्यों ऐसा कहा जाता है कि गांवों की बारात के आगे प्रिंस की शादी भी फीकी लगती है।