8 नवंबर। कसम से कभी भूलूंगा नहीं। इतिहास नहीं लिखा गया था। ऐसा पहले भी हुआ था। बड़े नोट हटे थे। छोटे नोट लाए गए थे। लेकिन इस बार जो बवाल हुआ वो पहले कभी नहीं हुआ होगा।
लोगों को क्या फायदा हुआ, क्या नुकसान ये सब समय के साथ पता चलेगा। देखिए, बात साफ़ है अभी 2 महीने में ही फायदा और नुकसान गिनवा रहा है तो वो आपको सीधे-सीधे बेवक़ूफ़ बना रहा है। हां, प्रॉब्लम कुछ हो रहा है या हुआ है वो जायज़ है। बिल्कुल लोग परेशान हुए हैं। खैर...
इन सबके बाद सबसे ज्यादा चर्चा जिस चीज़ की रही वो थी नए नोटों को लेकर बकैती। कितने तो टीवी वाले बड़े-बड़े पत्रकारों ने स्पेशल शो कर लिया इसको लेकर। किसको लेकर?
नए नोटों में माइक्रो चिप लगे हैं। ज़मीन के अंदर गाड़ कर रखेंगे तो भी उसको सेटेलाईट से पकड़ लिया जाएगा। जैसे सेटेलाईट का फ़ोटो लगा देने से ही सब कुछ हो जाएगा। कुछ लोगों ने इसका भरपेट मजाक भी उड़ाया।
किसी ने मुझसे भी पूछा था। भाई भूख लगने पर ठंढी के दिन में पकौड़ी तल के नहीं खिला देगा? हमने कहा क्या मजाक है यार! फिर उनका भी जवाब जायज़ ही था। बोले यही तो हो रहा है आज कल देशभर में।
फिर इसके बाद एक और थ्योरी आई। बोले इसमें बहुत ही कम अमाउंट में इंक के साथ रेडियोएक्टिव एलिमेंट मिलाया गया है। जिसके हेल्प से कहीं अगर ज्यादा अमाउंट में रखा हो तो उसको ट्रेस करना आसान है।
लेकिन वो क्या बोलते हैं। कुछ लोगों का कप्पार शांत नहीं होता। उनका दिमाग घुसा रहता है, एकदम बगुले की तरह मछली पर आंख गड़ाए। इन भाई साहब का हिसाब किताब भी कुछ ऐसा ही लग रहा था। यूट्यूब पर इनका एक चैनल है 'द हुक' नाम से। इन्होंने 2000 के नोट को ब्लेड से कुतर के एक ट्रांसपेरेंट चिप खोज के निकाल दिया है।