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आजकल दो बातें हमें खूब सुनने को मिलती हैं। एक है शहरों की सड़कों पर ट्रैफिक और सड़क दुर्घटना। मतलब आज के टाईम में ये दो बातें ऐसी हैं कि कई बार ख़बर के पन्ने हम यूं ही पलट के आगे बढ़ जाते हैं। हमने मान लिया है, ये हो ही रहा है। होता ही रहता है, होगा ही।
इसके बाद शुरू होता है, दोष देने का दौर। शुरू सरकार शब्द से और खत्म होती है, पुलिस वालों को गाली की दो टूक के साथ सलामी देते हुए। लेकिन हम कभी भी किसी भी हाल में पुलिस वालों के अच्छे काम को गिनने की ज़हमत ही नहीं उठाना चाहते।
लेकिन आज हम ट्रैफिक पर खड़े उन सैकड़ों-हज़ारों पुलिस वालों में से एक की कहानी सुना-दिखा रहे हैं। देखिए और ज़रा ध्यान से इनकी बातें सुनिएगा। 'बिग शॉर्ट फिल्म्स' ने एक छोटी-सी फिल्म बनाई है। इसी पुलिस वाले के ऊपर। चेन्नई की सड़कों पर चलने वाले लोग इन्हें बखूबी जानते हैं।
ये कहते हैं, "मैं बस इतना ही चाहता हूं कि लोग अपने घर से ऑफिस सेफ पहुंचें और जब वापस ऑफिस से घर जाएं तो सेफ पहुंच जाएं बस। मेरे लिए यही दिनभर की संतुष्टि है।"
बहुत बातें नहीं करूंगा। नीचे वीडियो है आप देखिए खुद ही समझ जाएंगे....
https://youtu.be/QxXAEQR8tyc
Firkee सलाम करता है, ऐसे मेहनती और दिलरुबा पुलिस वाले को, जो सिर्फ़ अपनी ड्यूटी नहीं करता बल्कि उसे जीता है पूरी शिद्दत से।