अपने यहां चुनाव आते ही नेताओं में इस बात की होड़ लगी रहती है की अपनी पार्टी को कौन कितना झुकाएगा, नीचा दिखाएगा और ज्यादा से ज्यादा माफी मांगने पर मजबूर करेगा। प्रचार की भूख से ज्यादा अपनी पार्टी को ऊंचा उठाने की रेस लगी है। जहां देखो अनरगल बयानबाजी की बारिश हो रही है। जिससे पार्टी के शीर्ष नेताओं को भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ जाता है। ऐसा ही कुछ रविवार को कांग्रेस की एक रैली के दौरान देखने को मिला।