माना जाता है राजनीति में शब्दों का जादू जनता के सिर चढ़ कर बोलता है। आपने देश में भी ऐसे कई नेता है जो बातों के बताशे बनाना बखूबी जानते है। इन दिनो ऐसे ही एक शब्दों के जादूगर 'शशि थरूर' ने सोशल मीडिया पर अपना राज खोला है।
शशि थरूर अपने भाषणों में जिन शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। कई बार उन शब्दों को डिक्शनरी भी समझाने में फेल हो जाती है। देश की भोली-भाली जनता को यही लगता है कि थरूर साहब ने डिक्शनरी को घोल कर पी लिया है।
भइया इस हाई-फाई अंग्रेजी के पीछे कोई न कोई राज तो जरूर आप आपको ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। थरूर साहब ने खुद अपने इस राज से पर्दा उठा दिया है ये देखिए...
वीडियो में आप देख सकते है कि शशि थरूर एक मंच पर हैं। एक स्टूडेंट उनसे कहती है कि वह कोई नया शब्द बताएं, जिससे कि माहौल यादगार बन जाए। शशि थरूर बोलते हैं किमैं आपको एक बहुत पुराना शब्द देता हूं। रीड (पढ़ना) यही एक तरीका था जहां से मेरी भाषा इतनी दुरुस्त हुई। लोग समझते हैं कि मैं हमेशा डिक्शनरी पढ़ता रहता हूं। मैंने शायद ही कभी डिक्शनरी खोली हो अपनी लाइफ में।
वीडियो में शशि थरूर आगे कहते हैं कि जब तुम एक ही शब्द को तीन भाषाओं में अलग-अलग तरह से पढ़ोंगे, तो तुम्हें अपने आप ही उसके मायने पता चल जाएंगें। मैं ऐसा इसलिए हूं क्योंकि मेरे जमाने में टीवी नहीं था, इंटरनेट नहीं था, प्लेस्टेशन नहीं था, यहां तक कि मोबाइल भी नहीं था।
किताबें ही मेरी बाहर की दुनिया थीं। क्योंकि मैं कुछ भी पढ़ता था। जो भी मेरे हाथ में आता, वो मैं पढ़ डालता था। इसी से मैंने अपने शब्दकोश को मजबूत कर लिया। इसलिए मैं आपसे कहता हूं कि जितनी किताबे आप पढ़ सकते है उतनी जरूर पढ़िए।