विस्तार
जैसा की हम अपने रिव्यू में बताते आएं हैं कि फिल्म बाबूमोशाय बंदूकबाज का बेस्ट पार्ट उसकी एक्टिंग है। फिल्म के कई साधारण सीन में एक्टिंग का तड़का लगाकर उन्हें असाधारण बना दिया गया। नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बड़ी बारीकी से एक किलर की लाइफ स्टाइल को जिया है। फिल्म के एक सीन में ताहिर राज भसीन और नवाजुद्दीन सिद्दीकी हैं, वो सीन आपको काफी हद तक 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' की याद दिलाएगा। डायरेक्शन और सिनेमेटोग्राफी लेवल पर काफी अच्छा काम किया गया है।
जहां नवाजुद्दीन अस्पताल से सीधे ताहिर भसीन यानी बांके बिहारी के घर पहुंचते हैं। बांके बिहारी अंडरवेयर में अपने घर में आराम फरमा रहा होता है। बाबू को देखते ही वो भागता है। गली कुचों से भागते-भागते आखिर में बाबू, बांके को पकड़ लेता है और यहां दोनों की बात होती है। इस सीन में नवाजुद्दीन सिद्दीकी नाले के ऊपर बड़े देसी अंदाज में बैठे हैं। सामने में बांके बिहारी गिड़गिड़ा रहा होता है।
फिल्म के एक सीन में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने समां बांध दिया था। फूलवा (बिदिता बाग) को पहली बार देखता है। मोची का काम कर रही बिदिता से बात करने के लिए बाबू अपनी चप्पल तोड़ने की कोशिश करता है। बड़ी मुश्किल से चप्पल टूटती है लेकिन वो नाले में गिर जाती है और फिर फंस जाती है। उसको निकालने के लिए वो नाले के अंदर हाथ डाल देते हैं। क्राइम बैकग्राउंड की मूवी में कुछ सीन्स आपके चेहरे पर हंसी भी ला देंगे।
इसके अलावा दिव्या दत्ता यानी की जिज्जी की मौत और दूबे की मौत का सीन आपको काफी इंटेंस नजर आएगा। कई सीन्स में सिनेमेटोग्राफी और डायरेक्शन लेवल पर अच्छा काम किया गया है। रियलिस्टिक अप्रोच वाले सिनेमा के शौकीन लोगों को इन सीन्स में मजा आएगा।