पॉजीटिव प्वाइंट: फिल्म की लोकेशन पर काफी काम किया गया है।सिचुएशन के हिसाब से लोकेशन काफी सूट कर रही है। एक्टिंग में सबने अच्छा काम किया है। फिल्म में नवाजुद्दीन, बिदिता बैग और ताहिर के अलावा… दिव्या दत्ता और मुरली शर्मा भी है। थियेटर के कई आर्टिस्ट इस फिल्म में दिख जाएंगे। इसलिए ये फिल्म एक्टिंग के मामले में ये आपको निराश नहीं करेगी। डायलॉग में गालियों को खूब एडजस्ट किया गया है इसलिए हिंदी भाषी राज्यों के लोग इस फिल्म को दिलचस्पी के साथ देखेंगे।
निगेटिव प्वाइंट: फिल्म की कहानी और बढ़िया होने की गुंजाइश आपको कई जगह महसूस हो जाएगी। फिल्म के सीन अच्छे थे लेकिन एक दूसरे से जबरन जोड़े हुए दिखाए जा रहे थे। शासन प्रशासन को बिल्कुल बौना और गुंडों को बहुत बड़ा दिखाया गया है। फिल्म में पुलिस पिटने और नेता मरने के लिए दिखाए गए हैं। फिल्म के कई सेक्स सीन आपको कहानी में जबरन ठूंसे हुए लगेंगे।
पूरी फिल्म में दो-तीन किरदारों को छोड़कर सब सेक्स के भूखे और झूठे दिखाए गए हैं। फिल्मों और कहानियों में ऐसा चलता है लेकिन रियलिस्टिक फिल्मों में ऐसे सीन पचाने में थोड़ी दिक्कत होती है।
गालिब असद भोपाली ने कहानी अच्छी लिखी है लेकिन वो कहानी के किरदारों को आपस में जोड़ने में थोड़े से कमजोर पड़ गए। डायरेक्टर कुशन नंदी ने अपना काम बखूबी किया है। अच्छा होने की गुंजाईश तो सब जगह रहती है, इस लेख में भी है… फिल्म के लिए अगर आप 200 से 250 रुपये खर्च करते हैं तो आपको अफसोस नहीं होगा… बस इस बात का ध्यान रखें फिल्म को ए सर्टिफिकेट दिया गया है तो परिवार और बच्चों के साथ न जाएं।