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भाई की फैन फॉलोइंग न तो मजहब का बैर रखती है और न ही सीमाओं की परवाह करती है। हिंदुस्तान और पाकिस्तान में तो सलमान भाईजान के चाहने वाले थे ही... सुल्तान देखने के बाद चाईनीज दर्शकों को भी इनका स्टारडम पसंद आने लगा। लेकिन उनके पर्सनल रिलेशन की तरह 'हिट वाला स्टारडम' भी भाई के साथ ज्यादा दिन तक टिकने के मूड में नजर नहीं आ रहा है।
पिछले दिनों जिस तरीके से चाइनीज ऑडियंस को सुल्तान, दंगल और बाहुबली पसंद आई, उम्मीद लगाई जा रही थी कि सलमान की ट्यूबलाइट भी वहां हाईवोल्टेज में रौशनी देंगी। लेकिन जब भाई के इंडियन फैन्स ने फिल्म देखकर सिर पकड़ लिया तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि चीनियों की छोटी-छोटी आंखों पर इस फिल्म का क्या असर हुआ होगा।
हमारे संवाददाता रामभरोसे (काल्पनिक) के फिरकीबाज सूत्रों ने जानकारी दी है कि जो चीनी सैनिक सीमा पार करके भारतीय जवानों से भिड़ गए थे, दरअसल वो सभी बॉर्डर आने से पहले फिल्म ट्यूबलाइट देखकर आए थे। दो-चार चीनी नागरिकों ने तो इंडियन बॉर्डर में आकर टिकट भी फाड़े और चेतावनी दी कि वो इस ट्यूबलाइट का हिसाब दिवाली की फ्यूज चाइनीज झालरों से बराबर करेंगे।
बॉलीवुड ने जितनी इज्जत बाहुबली और दंगल दिखा-दिखाकर के चीन में कमाई थी, हिम्मतों के उन किलों को सल्लू भाई ने अपने एक झटके से तोड़ दिया। बजरंगी भाईजान और सुल्तान जैसी फिल्में देखकर ऐसा लग रहा था कि सलमान सिर्फ हाथ ऊपर करके कमर हिलाने तक सीमित नहीं हैं वो अपने तरीके से इमोशन पैदा कर सकते हैं लेकिन ट्यूबलाइट देखकर लगा कि पुराना सलमान अभी जिंदा है!
ट्यूबलाइट के खराब रिव्यू पढ़ने के बावजूद हमारे संवाददाता रामभरोसे फिल्म ट्यूबलाइट देखने पहुंचे। बिना लाइन में लगे टिकट मिलने से ही उन्हें बेचैनी होने लगी थी, उन्होंने काउंटर पर दो-चार लोगों से कंफर्म करना चाहा कि सलमान वाली फिल्म का ही टिकट दिया है या किसी और फिल्म का...
रामभरोसे को भरोसा था कि हिंदुस्तान और पाकिस्तान वाली फिल्मों की तरह इस फिल्म में भी जोश और जज्बा हिलोरे मारेगा और वो पूरे हॉल में जोर से चिल्लाएंगे भारत माता की जय। लेकिन ऐसा एक भी मौका नहीं मिला बल्कि सलमान की 10 उंगलियों के इशारे पर पर्वत हिलने वाले टेंश सीन को देख हॉल लोगों की हंसी छूट गई। सलमान अपने ट्रेडीशनल फैन्स की जेब से ईदी निकलवाने में तो कामयाब हो गए लेकिन दिलों की ट्यूबलाइट लुपलुपाती ही रह गई।