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तमिल सिनेमा के अमिताभ बच्चन माने जाने वाले सुपरस्टार रजनीकांत का 12 दिसंबर को जन्मदिन होता है। वह हिंदी फिल्मों में कम ही नजर आए, लेकिन उनकी कोई भी फिल्म आए, वह हिंदी पट्टी में भी तहलका मचा देती है। रजनीकांत की शख्सियत और लोकप्रियता का आलम इसी से समझ लीजिए कि अगर कोई फिल्म आने वाली होती है तो रिलीज वाले दिन कंपनियां छुट्टी कर देती हैं। फिल्म कबाली की रिलीज के टाइम ऐसा कई कंपनियों ने किया था और सिनेमाघरों में सुबह चार बजे से शो शुरू हो गए थे।
रजनीकांत को उनके फैन्स उन्हें भगवान की तरह मानते हैं और उनका मंदिर तक बनवाया है। लेकिन रजनीकांत आज जो कुछ भी हैं उसके पीछे उनके लंबे संघर्ष की कहानी है। उन्होंने कुली से लेकर कारपेंटर और बस कंडक्टर तक का काम किया है। इसके साथ-साथ वह एक्टिंग की क्लास लेते रहे और स्कूल के दिनों से ही मंचों पर अभिनय करते रहे। मैसूर के एक मराठा परिवार में जन्मे 66 वर्षीय रजनीकांत का बचपन का नाम शिवाजी राव गायकवाड़ था। हम उनके कुछ डायलॉग्स के जरिये उनका जन्मदिन मना रहे हैं।
फिल्म- फूल बने अंगारे
मैं शक की बुनियाद पर केस का पन्ना खोलता हूं और उसे यकीन में बदलकर किताब बंद कर देता हूं।
फिल्म- शिवाजी द बॉस
झुंड में तो सुअर आते हैं, शेर अकेले ही आता है।
फिल्म- कबाली
सपने में चाहे जितनी भी तकलीफें हों, आंख खुलते ही सारी तकलीफें मिट जाती हैं।
फिल्म- आतंक ही आतंक
रिवॉल्वर से ज्यादा खतरनाक चीज अगर कोई है तो वो हैं तुम्हारी आंखें।
फिल्म- लिंगा
किसी भी चीज की कामयाबी में साथ तो बहुत लोग देते हैं, लेकिन उसकी वजह बनता है एक दुश्मन।
फिल्म- फूल बने अंगारे
अंडरस्टैंड, यू बेटर अंडरस्टैंड।
फिल्म- रोबोट
मनुष्य की बनाई हुई दो ही चीजें कमाल की हैं, एक मैं और दूसरी तुम।