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'टॉयलेट एक प्रेम कथा' देख चुके लोगों को तो टॉयलेट की अहमियत पता चल ही गई होगी। यूपी में इस फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया गया है। पिछले कुछ सालों में टॉयलेट्स को लेकर जो जंग छिड़ी है उसे देखकर लगता है कि हर गांव के लोगों को शौचालय का लाभ जरूर मिलेगा। आज भी ऐसे कई गांव हैं जहां महिलाओं को भोर में ही बाहर जाना पड़ता है। लोक लाज और शर्म की वजह से उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। महिलाओं की इसी दिक्कत को देखते हुए एक विदेशी महिला ने वो कर दिखाया जो बड़े बड़े लोग सिर्फ सोचकर रह जाते हैं।
2012 में अमेरिका से हिंदुस्तान आ कर बसने वली 'मार्ता' 'बेटर विलेज बेटर वर्ल्ड' योजना पर काम कर रही हैं और शौचालय की समस्या से निजात पाने के लिए देश की मदद कर रही हैं।
'मार्ता' राजीव गांधी 'महिला विकास परियोजना' के साथ वॉलेंटियर के तौर पर भी काम रही हैं। मार्ता का कहना है कि शौचालय इंसान का मूलभूत अधिकार है और ये सभी को मिलना चाहिए। अपनी इसी सोच के चलते आज से करीब 4 साल पहले 'मार्ता' ने यूपी के जगतपुर गांव में सर्वे किया और गांव वालों से पूछा कि उन्हें गांव में किस चीज की जरुरत सबसे ज्यादा है? गांव के ज्यादातर लोगों का जवाब था शौचालय।
मार्ता यूपी के कई गांवों में अब तक कुल 143 शौचालय बनवा चुकी हैं। इतना ही नहीं गांव में लोगों की जरूरतों को देखते हुए, इस विदेशी महिला ने गांवों में 27 सोलर पैनल भी लगवाए, जिससे लोग अपने घरों में 2 बल्ब जला सकते हैं साथ ही एक मोबाइल भी चार्ज कर सकते हैं।
मार्ता पेशे से लेखक हैं। वो हेल्थ, एजुकेशन और डेवलपमेंट जैसे मुद्दों पर काफी रिसर्च भी कर चुकी हैं। मार्ता देश की शिक्षा में सुधार लाना चाहती हैं, इसीलिए वो गांव के बच्चों की स्कूली शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दे रही हैं। मार्ता के इस मिशन में सभी लोगों ने उनका साथ दिया। प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए समुदाय की तरफ से जमीन मिली, तो वहीं कई लोगों ने हाथों हाथ मेहनत करके मार्ता के इस मिशन को मुकाम तक पहुंचाया।
मार्ता की ये मेहनत कई लोगों के लिए एक प्रेरणा है।
source- thelogicalindian