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एक बीमार व्यक्ति के लिए उसके अंतिम समय में डॉक्टर और नर्सें ही उनके सबसे करीबी हो जाते हैं। कई बार लोगों के आख़िरी वक़्त में उनके साथ अस्पताल के लोगों के अलावा और कोई भी नहीं होता। ऐसे में वो अपने दिल की बात इन्हीं लोगों से कहकर इस दुनिया से चले जाते हैं।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ़ पेलिएतिव केयर ने पूरे भारत की सैकड़ों नर्सों से पूछा कि वो अपने मरीज़ों के आख़िरी शब्द बताएं। उनमें कुछ हम यहां आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
कितना मासूम सवाल था ये!
मरते वक़्त कैसा लगता है ये किसी को नहीं पता, लेकिन इस बात को सुनकर इसका कुछ-कुछ अंदाज़ा हो जाता है।
ये सुनने के बाद न जाने उस मां का क्या हाल हुआ होगा!
फैमिली ट्रेडिशन पीछे नहीं छूटने चाहिए।
एक पिता अपने अंत समय में भी अपनी बेटी के कुशल रहने की कामना करता है।
सबसे बुरे वक़्त में सबसे करीबी व्यक्ति ही याद आता है।
एक महिला को हर परिस्थिति में अपने परिवार की चिंता सताती है क्योंकि वो खुद से पहले उनके बारे में सोचती है।
सिर्फ़ आप ही मृत व्यक्ति को नहीं खोते, मर रहा व्यक्ति भी अपना सब कुछ खो देता है।