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'भगवा' अब धर्म का ही नहीं फैशन का भी सिंबल है। इसका क्रेडिट अगर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को दिया जाए तो गलत नहीं होगा। योगी के आने बाद से मार्केट में भगवा रंग के दुपट्टे, पटके, गमछों और कुर्तों की डिमांड बढ़ी है। गुरुवार को दुनियाभर की सुपरमॉडल्स की टोली ने भी जब यूपी की जमीन पर कदम रखे तो उन पर 'भगवा' चढ़ गया।
ये सुपरमॉडल्स आगरा स्थित मोहब्बत की निशानी और विश्व के आठ अजूबों में शुमार ताजमहल निहारने पहुंची थीं। कुछ ने भगवा रंग का रामनामी पटका डाल लिया। लेकिन संगमरमर की शान में भगवा अखर गया।
सुरक्षाकर्मियों ने सुपरमॉडल्स के गले से रामनामी पटका तो उतरवा लिया, लेकिन उन कपड़ों को पहने रहने दिया जिनसे स्पॉन्सर्स की ब्रैंडिंग हो रही थी। शायद शहंशाह को यह इल्म रहा होगा कि उपभोक्तावाद से पंगा लेना ठीक नहीं होगा, क्योंकि उससे कारोबारी हित प्रभावित होते हैं और कारोबार प्रभावित होगा तो भला ताजमहल कहां से खड़ा होगा! इसलिए नियम का उल्लंघन करने वाले सुपरमॉडल्स के वे कपड़े जायज माने गए और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पहने रहने दिया।
चूंकी कारोबारी दूरदर्शिता हर आदमी में नहीं होती इसलिए बवाल मच गया। राम नाम के दुपट्टे और ब्रैडिंग वाले कपड़ों के साथ यह भेदभाव जनता को अखरा। इस पर हुआ यूं कि गोरी मैम तो एक तरफ अपनी सेल्फियां लेती रहीं, वहीं दूसरी तरफ स्थानीय प्रशासन की नींद उड़ गई।
अमर उजाला की खबर के मुताबिक पूरी बात यह है कि ताजमहल में भगवा रंग के दुपट्टों को पहनकर पहुंची विदेशी मॉडल्स को सुरक्षा जांच के दौरान रोक दिया गया। बुधवार दोपहर को दिल्ली से आईं 34 देशों की मॉडल्स में अधिकांश ने धूप से बचने के लिए रामनामी दुपट्टों को ओढ़ रखा था, लेकिन सीआईएसएफ ने इन्हें उतरवाकर बाहर रखवा दिया, जबकि ताज में केवल धार्मिक प्रतीक चिन्ह और पूजा सामग्री पर ही रोक है।
दिल्ली में सुपर मॉडल इंटरनेशनल 2017 में हिस्सा ले रहीं 34 देशों की मॉडल बुधवार दोपहर में ताजमहल का दीदार करने पहुंचीं। पूर्वी गेट पर सुरक्षा जांच के दौरान गाइड ने सभी मॉडलों को प्रतिबंधित सामग्री की जानकारी दी। दो मॉडल रामनामी दुपट्टे पहने हुए थीं। इस पर आयोजकों ने आपत्ति भी की, लेकिन सीआईएसएफ सुरक्षाकर्मियों ने इसे प्रतिबंधित सामग्री मानते हुए बाहर भिजवा दिया। मॉडलों से उनके देश के चिन्ह वाले दुपट्टे भी हटवा दिए, जबकि उनकी कैप और टीशर्ट पर विभिन्न कंपनियों के नाम लिखे हुए थे, जो प्रमोशन के तौर पर उपयोग किए जा सकते थे, इन्हें नहीं उतरवाया गया।
ताजमहल में सुरक्षा जांच के दौरान इस घटना से विदेशी मॉडल आहत हुईं। सीआईएसएफ का कहना है कि ताज में धार्मिक प्रतीक चिन्ह प्रतिबंधित हैं। मॉडल एक जैसे दुपट्टे अलग से पहने थीं, इस वजह से इन्हें उतरवाया गया। पूर्व में भी यही नियम रहा है। एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद डा. भुवन विक्रम ने कहा कि विदेशी चिन्हों वाले दुपट्टे उतरवाने की जानकारी है। वहीं, सीआईएसएफ ने इस बारे में एएसआई से नहीं पूछा है। इस मामले की कोई शिकायत एएसआई में या पर्यटन पुलिस के पास नहीं है।
एएसआई एक्ट में स्मारक के अंदर धार्मिक प्रतीक चिन्हों को न ले जाने, पूजा सामग्री और व्यवसायिक गतिविधियों एवं ब्रांड प्रमोशन पर रोक है। लेकिन इसकी व्याख्या हर सुरक्षाकर्मी अपनी तरह से करता है। स्पष्ट गाइड लाइन न होने से ताजमहल पर पूर्व में कई बार ऐसे विवाद हो चुके हैं। 24 अक्तूबर 2012 में वनवासी सत्संग समिति की सदस्यों के गेरुए रामनामी उत्तरीय (पटके) उतरवा दिए गए थे। वह कोठी मीना बाजार मैदान पर हो रही कथा के लिए आगरा आई थीं। ताजमहल देखने के बाद उन्हें धार्मिक समूह मानते हुए प्रवेश से रोका गया था। तब यह मामला मंत्रालय तक पहुंचा था।