दीपाली अग्रवाल, टीम फिरकी, नई दिल्ली
Updated Thu, 18 Jan 2018 07:25 PM IST
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'कौन कहता है आसमान में सूराख हो नहीं सकता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों'
एक ऐसा ही पत्थर उछाला है श्रीकान्त ने और उससे जो सूराख हुआ है उससे आसमान ने भी उनके सामने अपना सिर झुका लिया। श्रीकांत जन्मांध हैं लेकिन जब आप इनके संघर्ष की कहानी पढ़ेंगे तो आपको लगेगा कि कोई भी दुर्बलता सिर्फ मन तक ही सीमित होती है। अगर जुनून और लक्ष्य हो तो इंसान असंभव को भी संभव कर सकता है। श्रीकांत ने ऐसा कर दिखाया है, वह 'बोलंट इंडस्ट्रीज़ प्राइवेट लि.' कम्पनी के मालिक हैं जो ईको फ्रेंडली चीजें बनाती है और इसमें खास दिव्यांगों को ही नौकरी दी गयी है।
कई बार हम जीवन में होने वाली दुर्घटनाओं का ठीकरा किस्मत पर फोड़कर हार मान लेते हैं। उस पर भी जब जन्म ही बिना आँखों के हो तो समाज भी हतोत्साहित करने में कोई कसर नहीं छोड़ता। कुछ ऐसा ही हुआ था श्रीकांत के साथ भी, जब उनके पैदा होने के बाद उनके रिश्तेदारों ने उनके मां-बाप से उन्हें छोड़ देने को कहा लेकिन उनके इसके उलट उनके माता-पिता ने उन्हें हर संभव खुशी दी। श्रीकांत ने भी खुद को साबित किया, वह शुरू से ही पढ़ाई में होनहार थे। 10वीं में उनके 90 प्रतिशत आये थे बावजूद इसके उनके स्कूल ने उन्हें विज्ञान की पढाई करने से रोक दिया था। श्रीकांत ने अपने स्कूल पर केस किया और जीते। सिर्फ जीते ही नहीं बल्कि 12वीं में 98 प्रतिशत लाकर उनके मुंह पर के करारा तमाचा भी जड़ दिया।
इसके बाद जब इंजीनियरिंग की पढाई के लिए IIT ने उन्हें प्रवेश पत्र नहीं दिया तो उन्हें यूएस के 4 टॉप स्कूलों एमआईटी, स्टैनफॉर्ड, बेर्कली और कार्निज मेलन में स्कॉलरशिप पर पढाई के लिए चुन लिया गया। उन्हें पहले अंतर्राष्ट्रीय ब्लाइंड स्टूडेंट का तमगा भी हासिल हुआ है। ग्रेजुएशन के बाद भारत आकर उन्होंने दिव्यांगों के लिए एनजीओ शरू किया, ब्रायल साक्षरता पर जोर दिया, डिजिटल लाइब्रेरी भी बनाई और ब्रायल प्रिंटिंग प्रेस भी शुरू की। इसकी सहायता से आज तक 3000 बच्चों को साक्षर बनाया जा चुका है।
इसके बाद श्रीकांत ने बोलंट इंडस्ट्रीज़ प्राइवेट लि. कंपनी को शुरू किया जिसमें इको-फ्रेंडली चीजें बनायी गयीं साथ ही खास दिव्यांगों को नौकरी दी गयी। उन्हें इन्वेस्टर रवि मंथा का साथ तो मिला ही साथ ही रतन टाटा ने भी उनके प्रयास से प्रभावित होकर एक खास रकम उन्हें दी। उनकी कंपनी में आज भी कई IITans के एप्लीकेशंस आते हैं जो श्रीकांत के साथ काम करना चाहते हैं।
श्रीकांत ने पूर्व राष्ट्रपति ए.पी. जे. अब्दुल कलाम के साथ भी लीड इंडिया प्रोजेक्ट पर काम किया है।