ऊंचे पहाड़ों पर बसे है देवी के ये 10 प्रसिद्ध मंदिर
Updated Fri, 30 Sep 2016 03:40 PM IST
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विस्तार
नवरात्रो का सीजन चल रहा है ऐसे में हर जगह माता के जयकारे गुंज रहें है, लेकिन सबसे ज्यादा जयकारे अगर कहीं सुने जाते है, तो वो पहाड़ो में जहां माता के मंदिर है। इस बार हम आपके देवी के 10 ऐसे प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पहाड़ों पर स्थापित हैं। जिनकी शोभा तो देखते ही बनती है और पहाड़ो पर बने होने के कारण इनका अपना एक अलग ही महत्व है।
1.मनसा देवी मंदिर, उत्तराखंड (Mansa devi temple, Uttarakhand)
यह मंदिर अत्यंत ही प्रसिद्ध है तथा हरिद्वार से 3 किमी की दूरी पर स्थित है। मान्यताओं के अनुसार मनसा देवी की उत्पत्ति ऋषि कश्यप के मन से हुई थी। यहां स्थापित पेड़ पर धागा बांधने से मनोकामना जरूर पूरी होती है। जिसके बाद पेड़ से एक धागा खोलने की परम्परा है।
2.तारा देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश (Tara devi temple, Himachal pradesh)
तारा देवी मन्दिर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से लगभग 13 कि.मी. की दूरी पर स्थित शोघी में है। देवी तारा को समर्पित यह मंदिर, तारा पर्वत या पहाड़ पर बना हुआ है। तिब्बती बौद्ध धर्म के लिए भी हिन्दू धर्म की देवी तारा का काफ़ी महत्व है, जिन्हें देवी दुर्गा की नौ बहनों में से नौवीं कहा गया है। कहा जाता है कि यह मंदिर लगभग 250 साल पहले बनाया गया था। यहां स्थापित देवी की मूर्ति को लेकर मान्यता है की तारा देवी की मूर्ति प. बंगाल से लाई गई थी।
3.शारदा माता मंदिर, मध्यप्रदेश (Maa Sharda devi temple, MP)
मैहर मध्य प्रदेश के सतना जिले में एक छोटा सा नगर है। यह एक प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थस्थल है। मैहर में शारदा मां का प्रसिद्ध मन्दिर है, इसे देवी के 51 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है। कहते है की यहां पर देवी सती का हार गिरा था। मैहर वाली माता मंदिर मध्यप्रदेश राज्य की त्रिकुटा पहाड़ी पर बसा है।
4.चामुंडेश्वरी मंदिर, कर्नाटक (Chamundeshwari temple, Karnataka)यह मंदिर चामुंडी पहाडी कर्नाटक के मैसूर में स्थित है। ये पहाडी बहुत ही पवित्र मानी जाती है क्योंकि यहां पर माता चामुंडा का मंदिर है। हमान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना 12वीं सदी में की गई थी। मंदिर परिसर में राक्षस महिषासुर की एक 16 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित है। जो यहां के मुख्य आकर्षणों में से एक है।
5.कनक दुर्गा मंदिर, आंध्र प्रदेश (Kanaka durga temple, Andhra pradesh)
विजयवाड़ा स्थित ‘इंद्रकीलाद्री’ नामक इस पर्वत पर निवास करने वाली माता कनक दुर्गेश्वरी का मंदिर आंध्रप्रदेश के मुख्य मंदिरों में एक है। पहाड़ी की चोटी पर बसे इस मंदिर में श्रद्धालुओं के जयघोष से समूचा वातावरण और भी आध्यात्मिक हो जाता है। यहां पहाड़ी को लेकर मान्यता है कि अर्जुन ने यहीं पर भगवान शिव की तपस्या की थी और उनसे पाशुपतास्त्र प्राप्त किया था। कहते है इस मंदिर की देवी प्रतिमा स्वयं प्रकट हुई थी, इसलिए इसे बहुत ख़ास और शक्तिशाली माना जाता है।
6.अधर देवी मंदिर, राजस्थान (Adhar devi temple, Rajasthan)राजस्थान का इकलौता हिल स्टेशन माउंटआबू से 3 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर स्थित है अर्बुदा देवी मंदिर। अधर देवी मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को लगभग 365 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है। यहां मान्यता है कि अगर कोई भक्त पूरी श्रद्धा के साथ देवी की पूजा करता है तो यहां उसे बादलों में देवी की छवि दिखती है।
7.तारा तारिणी मंदिर, उड़ीसा (Tara Tarini temple, Odisha)
ओडिशा में बरहामपुर शहर के पास तारा तारिणी पहाड़ी पर स्थित मंदिर सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। यह देवी मंदिर अपनेआप में बहुत ख़ास है क्योंकि यह मंदिर दो जुड़वां देवियों तारा और तारिणी को समर्पित है। यह मंदिर देवी सटी के 4 शक्ति पीठों के मध्य में स्थापित है, यानि इस मंदिर की चारों दिशा में एक एक शक्ति पीठ है।
8.बम्लेश्वरी देवी मंदिर, छत्तीसगढ़ (Bamleshwari devi temple, Chhattisgarh)
डोंगरगढ के पहाड मे स्थित मां बम्लेश्वरी के मंदिर को छत्तीसगढ का समस्त जनसमुदाय तीर्थ मानता है। यहां पहाडी पर स्थित मंदिर पर जाने के लिये सीढीयों के अलावा रोपवे की सुविधा भी है। इस जगह का नाम डोंग और गढ़ शब्दों को मिलाकर बना है। डोंग का अर्थ होता है पर्वत और गढ़ का मतलब होता है क्षेत्र। यह मंदिर छत्तीसगढ़ राज्य के डोंगरगढ़ में 1600 फ़ीट ऊंची पहाड़ी पर है। जहां पहुंचने के लिए लगभग 1100 सीढ़ियां है।
9.सप्तश्रृंगी देवी मंदिर, महाराष्ट्र (Saptashrungi devi temple, Maharashtra)
सप्तश्रृंगी देवी नासिक से करीब 65 किलोमीटर की दूरी पर 4800 फुट ऊंचे सप्तश्रृंग पर्वत पर विराजित हैं। यहां की देवी मूर्ती लगभग 10 फ़ीट ऊंची है। देवी मूर्ति के 18 हाथ है. जिनसे वे अलग-अलग अस्त्र-शस्त्र पकडे हुए है। यह मंदिर छोटे-बड़े सात पर्वतों से घिरा हुआ है इसलिए यहां की देवी को सप्तश्रृंगी यानी सात पर्वतों की देवी कहा जाता है।
10.वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू-कश्मीर (Vaishno devi temple, Jammu)
यह उत्तरी भारत में सबसे पूजनीय पवित्र स्थलों में से एक है। मंदिर, 5,200 फीट की ऊंचाई और कटरा से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंदिर के ग्राभ गृह तक जाने के लिए एक प्राचीन गुफा थी, जिसे अब बंद करके दूसरा रास्ता बना दिया गया है। मान्यता है की माता ने इसी प्राचीन गुफा में भैरव को अपने त्रिशूल से मारा था।
साभार bhartdiscovery.org
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