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पुराणों में, कथाओं में हनुमान जी की सच्ची भक्ति जगजाहिर है। श्री राम के लिए प्राणों की बलि तक को तैयार हनुमान जैसा भक्त होना मुश्किल है। उनकी भक्ति इतनी गहरी है कि कलयुग में उनकी मूर्तियां तक श्री राम के नाम का जाप कर रही हैं।
दुनियाभर में हनुमान जी के कई चमत्कारी मंदिर हैं जहां लोगों की गहरी आस्था जुड़ी है। उन्हीं मंदिरों में से एक मंदिर ऐसा भी है, जहां हनुमान जी के होने का अहसास होता है। जी हां, मंदिर में मौजूद मूर्ति प्रसाद खाती है और मूर्ति के आसपास श्री राम नाम की आवाज भी सुनाई देती है।
यह मंदिर उत्तरप्रदेश के इटावा से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जिसे पिलुआ महावीर मंदिर कहा जाता है। यहां दर्शन करने दूर दूर से लोग आते हैं ओर लोगों का मानना है कि यहां दर्शन से भक्तों के गंभीर रोग भी ठीक हो जाते हैं।
खास बात तो ये है कि मूर्ति के मुंह से लगातार राम नाम की आवाज तो सुनाई देती ही है, साथ ही मूर्ति में सांसें चलने का आभास भी होता है। ऐसा इसलिए माना जाता है, क्यूंकि हनुमान जी को जितना भी प्रसाद के रूप में लड्डू और दूध चढ़ाया जाता है, वह कहां गायब हो जाता है, ये एक रहस्य ही बना हुआ है।
चमत्कारी मंदिर का विशेष इतिहास
इस मंदिर का इतिहास विशेष हैय़ यह मंदिर करीब तीन सौ साल पुराना है। पहले मंदिर वाला क्षेत्र प्रतापनेर के राजा हुक्म चंद्र प्रताप सिंह चौहान के आधीन था। माना जाता है कि उनको हनुमानजी ने अपनी प्रतिमा इस क्षेत्र में स्थापित करने का स्वप्न दिया था। इसके तहत राजा हुक्म चंद्र इस स्थान पर आए और प्रतिमा को विधि-विधान से इसी स्थान पर स्थापित कराकर मंदिर का निर्माण कराया।