कहते हैं मौत को करीब देख कर बड़े-बड़े सूरमाओं को नानी याद आ जाती है, अब ये आतंकी किस खेल की मूली हैं। अपने अस्तित्व को मिटता देख इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकियों को अब घरवालों की याद सताने लगी है। इन कैदी आतंकियों में से एक है लिंडा डब्ल्यू। जर्मनी के ड्रेसडेन की रहने वाली 16 साल की यह किशोरी खूंखार आतंकी संगठन आईएस में शामिल होने के लिए एक साल पहले घर से भाग गई थी। अब वह कहती है, ‘मुझे अपनी गलती का एहसास हो गया है। अब मैं घर जाना चाहती हूं।’
हालांकि इराकी जेल में बंद लिंडा समेत चार अन्य जर्मन महिलाओं को दूतावास से सहयोग मिल रहा है। ये हाल के साल में आईएस में शामिल हुईं। लिंडा अब युद्ध, बंदूकों की आवाज और बम धमाकों से बहुत दूर जाना चाहती हैं।
मीडिया खबरों के मुताबिक, लिंडा जर्मनी में प्रत्यर्पणकर अधिकारियों का सहयोग करना चाहती है। जर्मन मीडिया ने कहा कि लिंडा ने एक साक्षात्कार में बताया कि वह आतंक की दुनिया से अलग होना चाहती हैं। गौरतलब है कि लिंडा के घर से फरार होने के बाद जर्मन अधिकारियों ने उसे संदिग्ध आतंकियों की सूची में डाल दिया था।