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भारत में शरण लिए बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा तिब्बत की आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं। वैसे तो दलाई लामा से चीन की अदावत का इतिहास बहुत पुराना है लेकिन पिछले कुछ दिनों से उसकी तकलीफ कुछ ज्यादा ही बढ़ी हुई है। ड्रैगन की हरकतों से भारत बेफिक्रे वाले मूड में है। भारत ने दलाई लामा से कह दिया है कि जहां मन करे...घूमिए। चीन को यह बात इतनी नागवार गुजरी कि महीने भर में तीन बार से ज्यादा भारत को भविष्य में अंजाम भुगतने की धमकी दे चुका है।
अरुणाचल को चीन अपनी दुखती रग समझता है। हुआ भी वही जब दलाई लामा अरुणाचल पहुंचे तो चीन के मुंह से जोर की 'अईईई...' निकल गई। अब खिसियानी बिल्ली ने एक बार फिर खंभा नोच लिया...!
चीन ने एकबार फिर कहा कि दलाई लामा की वजह से पेइंचिंग और नई दिल्ली के रिश्तों में अनबन की पूरी गुंजाइश है। दिल्ली से आवाज आई... तुझको मिर्ची लगी तो मैं क्या करूं...!
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ल्यू क्वांग ने एकबार फिर कहा कि दलाई लामा की यात्रा से दोनों देशों के बीच सीमा विवाद वाले मुद्दे को सुलझाने पर असर पड़ेगा। क्वांग ने कहा कि भारत ने तिब्बत मामले में प्रतिबद्धता तोड़ी है, इसलिए चीन अपनी सीमा की रक्षा को ध्यान में रखते हुए आगे की कार्रवाई करेगा।
क्वांग ने नाम न लेते हुए अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के उस बयान की निंदा की, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य की सीमा केवल तिब्बत से मिलती है, चीन से नहीं। खांडू ने कहा था कि चीन की आपत्ति को नजरअंदाज करते हुए भारत ने दलाई लामा की यात्रा को हरी झंडी दी।
इसके अलावा क्वांग ने कहा कि भारत के और भी कुछ बड़े अधिकारी हैं जो समय-समय पर भड़काऊ बयानबाजी कर चीन के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम करते हैं।
दलाई लामा को लेकर चीन महीने भर में कई दफा सीमा विवाद की कार्रवाई का रोना रो चुका है। भारत ने पहले ही साफ कर दिया था कि दलाई लामा एक धार्मिक यात्रा पर अरुणाचल का दौरा करेंगे। इसे उनकी राजनीतिक यात्रा नहीं समझा जाना चाहिए। इससे भी बढ़कर वह भारत के किसी भी कोने में घूमने के लिए फ्री हैं।
भारत हर बार चीन को याद दिलाता है कि उसे बेवजह भारत के मामलों में अड़ंगा नहीं डालना चाहिए। उधर बार-बार मुंह की खाने के बाद भी ड्रैगन आग उगलने से बाज नहीं आ रहा है। चीन ने अरुणाचल के तवांग इलाको अपना मान लेने की भी गलतफहमी पाल रखी है। वह भारत का ध्यान इस बाबत कई दफा खींच चुका है, लेकिन भारत ने हर दफा साफ कर दिया है कि तवांग हो या दलाई लामा... तुझको मिर्ची लगी तो मैं क्या करूं।