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बॉलीवुड के पास सब कुछ है। बंगला है, गाड़ियां हैं, बैंक बैलेंस भी है और तो और अपनी खुद की मां भी है। लेकिन फिल्में तैयार होकर रिलीज नहीं हो पा रहीं। पद्मावती पहली फिल्म और भंसाली पहले डायरेक्टर नहीं हैं, जिनका विरोध हुआ है। इससे पहले भी तमाम डायरेक्टर और एक्टर के नाम वाले पुतले चौराहों पर जलाकर लोगों ने तस्वीरें खिचवाई हैं। लपटों वाले इस विरोध की आंच में भंसाली से लेकर करण जौहर और राजा मौली तक अपना नुकसान करवा चुके हैं।
बॉलीवुड वाले पहले राजनीति पर फिल्में बनाया करते थे। अब राजनीति वाले बॉलीवुड की बनी बनाई फिल्मों को बिगाड़ने का काम करते हैं। वक्त का कांटा कब उल्टा घूमने लगा किसी को पता ही नहीं चला। इस एंटीक्लॉक वाइस सिचुएशन में बॉलीवुड को फिल्मों के साथ-साथ ये सब भी बनाना चाहिए। अगली स्लाइड में देखें लिस्ट।
बॉलीवुड के सितारे वैसे भी चुनावी जमीन पर हर सीजन में उतरते हैं। पार्टियां फायदा भी ले जाती हैं और जब फिल्म रिलीज का टाइम आता है तो विरोध करके, नाक, मुंह का शेप बिगाड़ने की धमकी भी दी जाती है। इसलिए बॉलीवुड वालों को मुफ्त की सलाह दी जा रही हैं कि उसे अपनी एक पॉलिटिकल पार्टी बना लेनी चाहिए। ‘बॉलीवुड फिल्म पार्टी’ टाइप.... चुनाव के साल वैसे भी बॉलीवुड वाले फिल्म बनाने से डरते हैं ऐसे में बेरोजगारों को काम भी मिल जाएगा।
हीरो-हिरोइन के पीछे डांस करने वाले, स्टंट वाले, स्पॉट ब्यॉय दादा से लेकर लाइटमैन और कैमरा टीम तक के लोगों को रैलियों में बुला लें। हर रैली में एक बड़ा… एक थोड़ा बड़ा… और एक छोटे से कम बड़े स्टारडम वाला सेलिब्रिटी बुला लें। फिर भीड़ देखकर बड़े-बड़े दिग्गजों के माथे पर पसीना आ जाएगा।
घर-घर जाकर वोट मांगने की जिम्मेदारी नई खेप के हीरो हीरोइन्स को दे दें। हर घर से चुन-चुन कर वोट देने आएंगे लोग। और जब सरकार बन जाए तो जैसा मन चाहे, वैसी फिल्में बनाएं… फिल्में पास कराएं और रिलीज कराएं।
जितने भी बॉडी बिल्डर लड़के-लड़किया स्ट्रगल कर रहे हैं, उनको काम भी मिल जाएगा और एक सेना भी तैयार हो जाएगी। जिस तरह से करणी सेना की तरफ से फिल्म पद्मावती के कलाकारों और फिल्म निर्माता को धमकियां दी जा रही हैं, वैसे ही बॉलीवुड की सेना जवाब देने के लिए तैयार रखी जा सकती है। इस सेना के इस्तेमाल से बॉलीवुड को ऑडिशन के झंझट से भी छुटकारा मिल सकता है। जो मीडिया के कैमरे को सही से फेस कर रहा हो, समझ लीजिए कि उसी के अंदर कल का सुपर स्टार छिपा हुआ है।
बॉलीवुड को आंदोलन का भी एक मंच तैयार कर लेना चाहिए। इससे पॉलिटिकल पार्टी और सेना, दोनों में काम करने वाले लोग मिल जाएंगे। पॉलिटिकल पार्टी और सेना वाली एक-एक खेप आंदोलन की फैक्ट्री में तैयार होती रहेगी।
(यह लेख सिर्फ मनोरंजन के इरादे से लिखा गया है, इससे किसी की भावनाएं आहत करने का उद्देश्य बिल्कुल नहीं है)