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बचपन से सुनते आ रहे हैं कि अगर दुनिया में कही आसलीपन का कोई कॉम्पटीशन होता तो इंडिया वाले नंबर वन आते। हमारे यहां लेट-लतीफी, दुर्घटनाएं, हादसे तो आलस के कारण होते ही हैं इसके अलावा कई बार नौकरी से निकाला जाना, गर्लफ्रेंड का छोड़ देना जैसे आघातों के लिए आलसपन ही जिम्मेदार होता है। स्टैंडफोर्ड युनिवर्सिटी के कुछ लोगों ने इसी बात पर रिसर्च कर मारी कि कौन सा देश ज्यादा सुस्त हैं। आपको जानकर हैरानी होगी, आलसीपन में भी हम हार गए, पूरी लिस्ट पढ़कर आप दंग रह जाएंगे।
हो सकता है कि आप लिस्ट पढ़ने के लिए भी आलस दिखा रहे हों लेकिन आपके लिए ये दिलचस्प जानकारी हो सकती है। बुद्धुजिवी वर्ग के अंतर्गत आने वाले वैज्ञानिकों ने 46 देशों के करीब 7 लाख स्मार्टफोन धारकों के डाटा को मिलाकर एक लिस्ट तैयार की। जिसमें देशों के बारे में बताया गया कि किस देश के लोग चुस्त और फुर्तीलें हैं और किस देश के लोग सुस्त कहलाते हैं।
लिस्ट के मुताबिक हॉन्ग-कॉन्ग के लोग सिर उठा के कह सकते हैं कि वो दुनिया के सबसे चुस्त लोग हैं।सर्वे के मुताबिक वहां के नागरिक प्रतिदिन औसतन लगभग 6 किलोमीटर (6883 कदम प्रतिदिन) चलते हैं।जबकि इंडोनेशिया की जनता बिल्कुल थकाऊ और सुस्त रहती है। जो प्रतिदिन ब-मुश्किल 2 से 3 किलोमीटर ही चल पाते हैं।
स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर स्कॉट डेल्प (बायो-इंजीनियर) ने ये सारी स्टडी की है। बीबीसी से बातचीत में उन्होंने बताया कि ये अब तक की सबसे बड़ी स्टडी रही है जो अपने आप में अनोखी है। इससे पहले न तो इतने बड़े स्तर पर कोई जानकारी इकट्ठी की गई थी और न ही उस पर रिसर्च हुआ था। उनके इस सर्वे के मुताबिक ब्रिटेन के लोग अमेरिका से ज्यादा चुस्त हैं। तो वहीं चाइना वाले जापान से ज्यादा चुस्ती फुर्ती रखते हैं।
चुस्ती फुर्ती के इस मुकाबले में भारत का परफॉर्मेंस एवरेज से भी कमतर रहा।इंडिया वाले औसतन 4297 कदम प्रतिदिन चलते हैं। इस परफॉर्मेेंस पर हमारे संवाददाता रामभरोसे की विशेष टिप्पणी आई है,उनका मानना है कि हिंदुस्तान के लोग शॉर्टकट नाम की चीज पर ज्यादा भरोसा करते हैं इसलिए वो इस लिस्ट में पिछड़ गए।