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ट्रंप शपथ ले चुके हैं और लोगों ने सड़कों पर उतरना भी शुरू कर दिया है। एक आम अमेरिकी से लेकर हॉलीवुड सेलेब्रिटी तक सभी ट्रंप के खिलाफ़ सड़कों पर उतर आए हैं। इसकी वजह ट्रंप के बेतुके बयान ही हैं। उन्होंने महिलाओं, मुस्लिमों आदि को लेकर ऐसी घटिया बातें की हैं जिनसे एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति जिसके पास थोड़ी सोचने समझने की शक्ति भी है, बिल्कुल सहमत नहीं हो सकता।
ये कहा जा सकता है कि अमेरिकियों ने जिस व्यक्ति को चुना है उससे उनके साथी ही सहमत नहीं है। आमतौर पर जिन बातों से लोग नफ़रत करते हैं ट्रंप ने वैसी बातें करके ही समाज के एक तबके को लुभाया है। अमेरिका सबके सामने एक उदाहरण होने का दावा करता है लेकिन इस बार वो फ़ेल होता दिख रहा है। इन सबके बीच अमेरिका में रह रहे मुस्लिम काफ़ी डरे हुए हैं।
लेकिन कुछ दिन पहले ओहियो के एक मुस्लिम परिवार को उनके मेल बॉक्स में हाथ से लिखी एक चिट्ठी मिली जो कि ऐसे माहौल में राहत देती है।
अबुबकर अमरी पिछले 4 दशकों से सिनसेनाटी, ओहिओ में रह रहे हैं और वो बताते हैं कि उनकी अपने पड़ोसियों से केवल हाय-हेलो होती आई है इसके अलावा वो लोग आपस में ज़्यादा घुलते-मिलते नहीं हैं। लेकिन जिस दिन ट्रंप ने अपने ऑफिस में कदम रखा उस दिन वेस्टवुड के उनके एक पड़ोसी ने उन्हें एक चिट्ठी लिखी जिसके बाद वो काफ़ी अच्छा महसूस कर रहे हैं।
उस चिट्ठी में लिखा था कि " प्यारे पड़ोसियों, आज हमारे देश का एक नया अध्याय शुरू हो रहा है। चाहे जैसी भी स्थिति पैदा हो जाए, लेकिन कभी ये मत भूलियेगा कि इस देश में अभी भी ऐसे बहुत लोग मौजूद हैं जो आपके धार्मिक अधिकारों के लिए लड़ेंगे, और आप अपनी ज़िन्दगी बिना किसी भेदभाव के जी सकेंगे। आपका हमारे मुहल्ले में स्वागत है और कभी भी किसी भी चीज़ की ज़रुरत पड़े तो हमारा दरवाज़ा ज़रूर खटखटाइएगा।"
इस चिट्ठी के मिलने के बाद अबुबकर और उनका परिवार बहुत अच्छा महसूस कर रहा है। वो कहते हैं कि मैं इतना खुश हूं कि मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि मैं अपनी ख़ुशी कैसे ज़ाहिर करूं। इस चिट्ठी के मिलने के बाद से मेरे अंदर काफ़ी बदलाव आया है। इसके बाद जब मैं अगली सुबह अपने ऑफिस गया तो जैसे मुझे सब कुछ और सभी लोग बिल्कुल जुदा दिखे।
अमरी की भतीजी ने ये चिट्ठी ट्वीट की और देखते ही देखते ये सोसिल मीडिया पर वायरल हो गई।
अमरी ने लिखा कि ये अमेरिका का दूसरा पहलू है. दूसरे लोगों ने भी इसकी बहुत सराहना की। ऐसी घटनाएं ये साबित करती हैं कि अभी भी लोगों के अंदर इंसानियत बची हुई है जिसके दम पर ये दुनिया चल रही है।